Vikrant Shekhawat : Jul 24, 2023, 10:20 PM
Maharashtra Politics: राज्य में अभी सियासत गरमाई हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने सोमवार को एक बड़ा दावा किया। पृथ्वीराज चव्हाण के दावे के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को हटाकर अजीत पवार को मुख्यमंत्री बनाये जाने की अटकलें तेज हो गईं। इन अटकलों पर आखिरकार उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस को सफाई देनी पड़ी। फडणवीस ने अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि आजकल कई वरिष्ठ नेता अटकलबाज़ी करते दिख रहे हैं। वे कितनी भी अटकलें लगाएं, जिस समय हमने महायुती तैयार की उस समय से तीनों पार्टियों (भाजपा, शिवसेना, NCP(अजित पवार गुट)) के मन में स्पष्ट है कि महायुती के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं और एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री रहने वाले हैं।शिंदे को हटाकर अजित पवार बनाए जाएंगे सीएममहाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया कि 11 अगस्त को एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद से हटाकर अजीत पवार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। पृथ्वीराज चव्हाण के इस दावे के पीछे दलील है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिंदे समेत उनके सभी विधायकों को अपात्र करार दिया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तीन महीने की मियाद 11 अगस्त को खत्म हो रही है।शिवसेना यूबीटी ने कहा-अटकलें तो हैं हीशिवराज सिंह चव्हान के बयान और दावे को लेकर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेता और विधानपरिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे ने कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण वरिष्ठ नेता हैं, उनके पास जनाकारी होगी लेकिन ऐसी अटकलें महाराष्ट्र में तो लगाई जा रही हैं।शिंदे गुट ने कहा-पृथ्वीराज को सपने आने लगे हैंवहीं, शिवसेना शिंदे गुट की तरफ से कैबिनेट मंत्री शंभुराजे देसाई ने कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण को आजकल सपने आने लगे हैं। उनका हाल भी कुछ दिनों बाद संजय राउत जैसा होगा उन्हें कोई गम्भीरता से नहीं लगा।फडणवीस ने कर दिया साफ-शिंदे ही सीएम हैं, रहेंगेइन सभी तमाम अटकलों पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं सबसे बड़े दल बीजेपी के नेता के रूप में आधिकारिक तौर पर स्पष्ट करता हूं कि एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री हैं और वही महायुति के मुख्यमंत्री रहेंगे। जो लोग बाते कर रहे वह सिर्फ अटकलें हैं, पतंगबाजी है और उन बातों में कोई दम नहीं है।बहारहाल देवेंद्र फडणवीस जैसे सीनियर और जिम्मेदार नेता ने जब साफ कह दिया कि एकनाथ शिंदे को नहीं बदला जाएगा तो शिंदे गुट समेत ब्यूरोक्रेसी का भी कन्फ्यूजन काफी हद तक कम हुआ है।