NEET Exam 2020 / सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार, तय समय पर ही होगी परीक्षा

सुप्रीम कोर्ट ने नीट परीक्षा पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया है। इसलिए अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए रास्ता साफ हो गया है। नीट परीक्षा 13 सितंबर को होनी है। सुप्रीम कोर्ट के कुछ सीनियर एडवोकेट्स ने 13 सितंबर को होने वाली नीट परीक्षा को टालने के लिए याचिका दायर की थी।बाद में पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया गया था।

News18 : Sep 09, 2020, 03:28 PM
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने नीट परीक्षा (NEET Exam 2020) पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से मना कर दिया है। इसलिए अब मेडिकल प्रवेश परीक्षा के लिए रास्ता साफ हो गया है। नीट परीक्षा 13 सितंबर को होनी है। सुप्रीम कोर्ट के कुछ सीनियर एडवोकेट्स ने 13 सितंबर को होने वाली नीट परीक्षा को टालने के लिए याचिका दायर की थी।  इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) के मद्देनजर सितंबर में आयोजित होने वाली नीट-जेईई की परीक्षा के संबंध में 17 अगस्त के आदेश की समीक्षा के लिए दायर हुई याचिकाएं भी खारिज कर दीं। कोर्ट ने परीक्षाओं को करवाने की मंजूरी दी थी। बाद में पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया गया था।


परीक्षा केंद्रों को भी बढ़ाने की हुई थी मांग

इस याचिका में न सिर्फ परीक्षा को टालने की मांग की गई थी बल्कि परीक्षा केंद्रों को भी बढ़ाने की भी मांग की गई थी। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में किसी भी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। लाइव हिंदुस्तान के मुताबिक याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेटअरविंद दतार ने कहा कि बिहार में परीक्षा के लिए सिर्फ दो परीक्षा केंद्र हैं। उन्होंने कहा कि पटना और गया में ही परीक्षा के केंद्र बनाए गए हैं, ऐसे में स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में कितनी समस्या होगी। सीनियर एडवोकेट केटीएस तुलसी और एडवोकेट शोएब आलम ने कंटेनमेंट जोन में रहने वाले स्टूडेंट्स का दुख बताया, जिन्हें परीक्षा देने की अनुमति नहीं है। आलम ने कोर्ट से कहा है कि नीट एडमिट कार्ड को कर्फ्यू पास की तरह रखने के लिए निर्देश जारी किए जाएं, जिससे कंटेनमेंट जोन में रहने वाले स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में परेशानी न हो।


पहले भी दायर हुई थी याचिका

इससे पहले भी जेईई मेन और नीट परीक्षा को कैंसिल करने के लिए याचिका दाखिल की गई थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस खारिज करते हुए कहा था कि कोविड-19 के वक्त में भी जिंदगी चलती रहनी चाहिए। इसके बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने भी इस परीक्षा को आयोजित किए जाने का विरोध किया था लेकिन साथ ही तमाम एक्सपर्ट्स ने समय पर ही परीक्षा आयोजित करने का अपील की और विरोध को राजनीतिक एजेंडा बताया। सरकार ने भी कहा कि तमाम पैरेंट्स और छात्र चाहते हैं कि परीक्षा तयुशुदा समय पर ही आयोजित की जाए।