Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2024, 05:39 PM
NEET UG Exam: सुप्रीम कोर्ट ने आज नीट यूजी मामले पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि 1 लाख 8 हज़ार सीटो के लिए 23 लाख से ज़्यादा छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया। इनमें 52 हज़ार निजी कॉलेजों और 56 हज़ार सरकारी कॉलेज में सीट है। परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं और गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक होता है। सीजेआई ने सबमिशन को दर्ज किया कि लगाए गए दो प्रमुख आरोप हैं कागजातों का लीक होना और व्यवस्थागत विफलता। याचिकाकर्ताओं ने सिस्टेमेटिक विफलता का सवाल उठाकर दोबारा परीक्षा की मांग की है। कई राज्यों में इसे लेकर FIR भी दर्ज हुई है।नहीं होगी री-नीटइसके बाद कोर्ट ने अपना आदेश में कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी। CJI ने कहा कि CBI की जांच अधूरी ही है, इसलिए हमने NTA से ये स्पष्ट करने को कहा था कि क्या गड़बड़ी बड़े पैमाने पर हुई है या नहीं। केन्द्र और NTA ने अपने जवाब में IIT मद्रास की रिपोर्ट का हवाला दिया है। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि हमारे समक्ष प्रस्तुत सामग्री और आंकड़ों के आधार पर प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का कोई संकेत नहीं है, जिससे परीक्षा की शुचिता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिले। इसके बाद SC ने नीट की दोबारा परीक्षा कराने से इंकार किया। कोर्ट ने कहा कि जो तथ्य उसके सामने उपलब्ध है,उसके मद्देनजर दोबारा परीक्षा कराना न्यायोचित नहीं होगा।दागी छात्रों अलग किया जा सकता हैCJI ने कहा कि दागी छात्रों को बाकी छात्रों से अलग किया जा सकता है। यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जो कोई भी छात्र जो इस धोखाधड़ी में शामिल पाया जाता है या लाभार्थी है, उसे प्रवेश पाने का अधिकार नहीं होगा। CBI की जाँच के मुताबिक पेपर लीक की वजह से 155 ऐसे छात्र है जिन्हें गड़बड़ी का फायदा मिला है।नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भराCJI ने आगे कहा कि कोर्ट को लगता है कि इस साल के लिए नए सिरे से नीट यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, साथ ही मेडिकल एजुकेशन के सिलेबस पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, भविष्य में योग्य डॉक्टरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था।कोर्ट ने अपने आदेश में उस सवाल को लेकर स्थिति साफ की, जिसके नए और पुराने सिलेब्स के आधार पर दो आंसर को सही मानकर नंबर दिए गए थे। कोर्ट ने कहा कि IIT की रिपोर्ट ने माना है कि विकल्प नंबर 4 सही है, हम IIT रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं।कोर्ट ने माना कि पेपर लीक हुआCJI ने कहा कि दलीलें 4 दिनों से अधिक समय तक सुनी गई हैं। हमने सीबीआई के अधिकारी कृष्णा सहित सभी पक्षों को सुना है। हम मानते हैं कि NEET UG 2024 का पेपर हजारीबाग और पटना में लीक हुआ था, इस पर कोई विवाद नहीं है। मामले में जांच को सीबीआई को सौंपे जाने के बाद, सीबीआई ने 10 जुलाई की तारीख वाली अपनी स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में, मुख्य मुद्दों पर विचार करते हुए, एनटीए, केंद्र और सीबीआई से हलफनामे मांगे थे। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, झारखंड में एफआईआर सीबीआई को हस्तांतरित किए जाने के बाद सीबीआई की भूमिका सामने आई है।
- सीजेआई ने कहा, अदालत ने एनटीए द्वारा रिकॉर्ड पर रखे गए डेटा की स्वतंत्र रूप से जांच की है. वर्तमान चरण में रिकॉर्ड पर साक्ष्यों या सामग्री का अभाव है. इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि परीक्षा का परिणाम खराब हो गया है या परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीए को नीट परीक्षा का दोबारा पूरा रिजल्ट घोषित करना होगा.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, NEET-UG 2024 के लिए कोई दोबारा परीक्षा नहीं होगी लेकिन 13 लाख छात्रों की रैंकिंग में फेरबदल का सामना करना पड़ेगा. IIT-D ने दो विकल्पों में से एक को परमाणु सिद्धांत प्रश्न के लिए NTA द्वारा अनुमोदित किया है.
- सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा, क्या यह कहना उचित होगा कि पेपर लीक से जुड़ी कुछ सामग्री हजारीबाग और पटना से बाहर गई है? ऐसा मानते हुए हम आज परीक्षा रद्द कर दें?
- कोर्ट ने कहा, अगर हम दोबारा परीक्षा का आदेश देते हैं तो छात्रों को पता होना चाहिए कि उन्हें तैयारी शुरू करनी होगी. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें यह भी जानने का हक है. हम छात्रों को लटकाए नहीं रख सकते.
- सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा, आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. इसमें विवादित सवाल का जवाब ‘D’ है.