Vikrant Shekhawat : Jan 25, 2022, 07:09 PM
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आरपीएन सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कह और भाजपा में शामिल होकर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल सी मचा दी है। माना जा रहा है कि भाजपा आरपीएन सिंह को समाजवादी पार्टी के पडरौना से विधायक नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के सामने खड़ा करेगी। इसे लेकर मौर्य ने भी प्रतिक्रिया दी है और आरपीएन सिंह के खिलाफ चुनावी लड़ाई में अपनी जीत को लेकर भरोसा जताया है। मौर्य ने कहा कि आरपीएन सिंह राजमहल में पैदा हुए। वह राजा हैं और मैं फकीर हूं। राजा से लड़ाई में मैं फकीर ही जीतूंगा। उन्होंने कहा कि चिंता उन लोगों को होनी चाहिए जो मलाई खाना चाहते हैं। मैं मस्त रहता हूं, हजारों कार्यकर्ताओं से घिरा रहता हूं। आज मैं मंत्री नहीं हूं तो भी कार्यकर्ताओं से घिरा हुआ हूं। वहीं, इस बार भी अपने पडरौना से चुनाव लड़ने के सवाल पर मौर्य ने कहा कि पार्टी जो फैसला लेगी उसका पालन करूंगा।'चुनाव में मेरी भूमिका सपा अध्यक्ष तय करेंगे'इसके अलाना मौर्य ने उन आरोपों को भी खारिज किया कि वह अपने बेटे के लिए टिकट की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ये बातें बेबुनियाद हैं। सपा अध्यक्ष (अखिलेश यादव) मुझे किस भूमिका में रखेंगे इसका फैसला वही करेंगे। मौर्य ने कहा कि मैं राजनीतिक फैसले अपने लिए लेता हूं। कोई पार्टी में शामिल होता है या इस्तीफा देता है तो उसका खुद का फैसला होता है। बता दें कि मौर्य की बेटी संघमित्रा गौतम भाजपा सांसद हैं।2017 में भाजपा में शामिल हुए थे स्वामी प्रसाद2009 में हुए पडरौना विधानसभा के उपचुनाव में बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य यहां से जीते। 2012 में भी मौर्य ने जीत हासिल की। 2017 चुनाव से ठीक पहले मौर्य भाजपा में शामिल हो गए और यहां से तीसरी बार जीतने में कामयाब रहे। इस बार फिर मौर्य ने पाला बदल लिया है। इस बार वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अब भाजपा अगर आरपीएन सिंह को यहां से उतारती है तो पडरौना का मुकाबला काफी रोचक हो जाएगा।