Vikrant Shekhawat : Oct 15, 2020, 03:11 PM
TRP Scam: Republic TV पर बड़े खुलासे के बाद टेलीविजन रेटिंग बताने वाली संस्था BARC ने बड़ा फैसला लिया है। अब TRP पर अगले 12 हफ्तों तक रोक लगा दी गई है। टेलीविजन न्यूज़ की नियामक संस्था NBA ने BARC के इस फैसले का स्वागत किया है। मुंबई पुलिस कमिश्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया कि TRP में घोटाला हो रहा था। कुछ चैनल कोशिश कर रहे थे कि वो किसी तरह से टीआरपी को अपनी तरफ खींच लें। लेकिन अब BARC ने फैसला लिया है कि अगले तीन महीनों तक TRP जारी नहीं की जाएगी।बार्क ब्रॉडकॉस्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) टेलीविजन रेटिंग बताने वाली एक एजेंसी है। यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीविजन मेजरमेंट निकाय है। BARC India साल 2010 में शुरू हुआ था। इसका हेड ऑफिस मुंबई में ही है।मुंबई पुलिस ने कथित टीआरपी घोटाले में कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए लोगों में समाचार चैनलों के कर्मचारी भी शामिल हैं। मुंबई पुलिस ने इस महीने की शुरुआत में ही घोटाले का भंडाफोड़ किया है।क्या होता है TRP?TRP (टारगेट रेटिंग पॉइंट्स / टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स) का उपयोग यह मापने के लिए किया जाता है कि एक तय समय के अंतराल में कितने दर्शक किसी विशेष टीवी शो को देख रहे हैं। टीआरपी हमें लोगों की पसंद बताता है और यह भी कि किस विशेष चैनल या शो की लोकप्रियता कितनी है। जिस शो और चैनल की TRP ज्यादा होती है विज्ञापनदाता उसी पर पैसा लगाते हैं।कैसे मापी जाती है TRPINTAM और BARC एजेंसियां किसी भी टीवी शो की TRP को मापते हैं। TRP को मापने के लिए कुछ जगहों पर पीपलस मीटर (People's Meter) लगाये जाते हैं। इसे ऐसे समझ सकते है कि कुछ हजार दर्शकों पर नमूने के रूप में सर्वे किया जाता है और इन्हीं दर्शकों के आधार पर सारे दर्शक मान लिया जाता है जो TV देख रहे होते हैं। अब ये पीपलस मीटर Specific Frequency के द्वारा ये पता लगाता है कि कौन सा प्रोग्राम या चैनल कितनी बार देखा जा रहा है।इस मीटर के द्वारा एक-एक मिनट TV की जानकारी को Monitoring Team INTAM यानी Indian television Audience Measurement तक पहुंचा दिया जाता है। ये टीम पीपलस मीटर से मिली जानकारी को विश्लेषण या analyse करने के बाद तय करती है कि किस चैनल या प्रोग्राम की TRP कितनी है। इसको calculate करने के लिए एक दर्शक के द्वारा नियमित रूप से देखे जाने वाले प्रोग्राम और समय को लगातार रिकॉर्ड किया जाता है और फिर इस डाटा को 30 से गुना करके प्रोग्राम का एवरेज रिकॉर्ड निकाला जाता है। यह पीपल मीटर किसी भी चैनल और उसके प्रोग्राम के बारे में पूरी जानकारी निकाल लेता है।