Vikrant Shekhawat : Apr 14, 2022, 09:12 AM
बुलेट ट्रेन की राह में समुद्र में उठने वाला ज्वार-भाटा भी बाधा नहीं बनेगा। नर्मदा नदी पर बन रहे सबसे लंबे पुल में ऐसी तकनीक का प्रयोग हो रहा है कि दिनभर में दो बार आने वाले ज्वार-भाटे से भी प्रभावित नही होगा।अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन देश की सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं में है। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉर्पोरेशन के अनुसार, बुलेट ट्रेन के लिए गुजरात में कुल 19 पुल बनाए जा रहे हैं। सबसे लंबा 1260 मीटर का पुल भरूच जिले में नर्मदा नदी पर तैयार हो रहा है। यह जुलाई 2024 में पूरा होगा। दोहरी लाइन वाले ये पुल स्टील और कंक्रीट से बनाए जा रहे हैं। इसी तरह आणंद और बड़ौदा को जोड़ने वाली माही नदी पर भी पुल बन रहा है। यह नदी खंबात की खाड़ी से भी प्रभावित होती है।जनरल मैनेजर सिंधुधर शास्त्री ने बताया कि पुल बेहद मजबूत है, ताकि गति में कोई समझौता न करना पड़े। इसकी आयु 100 साल होगी। इस योजना के तहत 200-250 पिलर बनाए जा रहे हैं। कुल आठ हाईस्पीड रेलवे स्टेशनों में से सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद का निर्माण 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है। गुजरात चुनाव की वजह से भी गति बढ़ा दी गई है। प्रदेश की साबरमती, धाधर, माही, दमनगंगा, ताप्ति आदि नदियों पर कुल 20 पुल बनाए जा रहे हैं।बुलेट ट्रेन भी दो तरह की होगीबुलेट ट्रेन दो तरह की होगी। एक दूरंतो की तरह कम स्टेशनों पर रुकेगी। दूसरी सभी यानी 12 स्टेशनों पर रुकेगी। हाईस्पीड रेल की रफ्तार 320 किमी प्रतिघंटा होगी। सीमित स्टेशनों वाली ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई की दूरी दो घंटे में तय करेगी। दूसरी ट्रेन सभी स्टेशनों पर रुकने के कारण तीन घंटे में यह दूरी तय करेगी। 508 किमी के पूरे हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का 155 किमी महाराष्ट्र, 4.3 किमी केंद्रशासित दादरा नगर हवेली और 348 किमी हिस्सा गुजरात में है।सामान्य रेलवे स्टेशन के ऊपर से मिलेगी बुलेटबुलेट ट्रेन के यात्रियों के लिए सीधी कनेक्टिविटी होगी। अहमदाबाद, वडोदरा व साबरमती रेलवे स्टेशनों के ऊपर बुलेट ट्रेन के स्टेशन बन रहे हैं। इससे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार से चलने वाली ट्रेनों के यात्री इन स्टेशनों पर पहुंच प्रथम तल पर जाकर सीधे बुलेट ट्रेन की सवारी का लुत्फ ले सकेंगे।मल्टी मॉडल हब होगा साबरमती स्टेशनसाबरमती स्टेशन पर पैसेंजर टर्मिनल बनाया जाएगा। यहां दो मेट्रो स्टेशन भी होंगे। रेलवे, मेट्रो व सड़क परिवहन के लिए यह मल्टी मॉडल हब बनेगा। अहमदाबाद (सरसपुर) में 11-12 प्लेटफार्म विकसित होंगे। यहां एकीकृत परिवहन होगा।