Vikrant Shekhawat : Oct 05, 2024, 10:20 AM
Share Market News: बीते पांच कारोबारी दिनों में भारतीय शेयर बाजार में अभूतपूर्व गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स ने 4,100 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की है, जबकि निफ्टी 1,200 अंकों से नीचे गिर गया है। इस गिरावट ने निवेशकों को 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया है, जो जून 2022 के बाद से सबसे बड़ी वीकली गिरावट है। यह गिरावट विभिन्न वैश्विक घटनाओं, विशेषकर ईरान-इजराइल संघर्ष और चीन की आर्थिक नीतियों से प्रभावित है। आइए जानते हैं कि आगे आने वाले हफ्तों में शेयर बाजार पर कौन-कौन से फैक्टर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।1. ईरान-इजराइल टेंशनईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने विश्व के विभिन्न शेयर बाजारों पर गंभीर प्रभाव डाला है। इजराइल, अमेरिका और नाटो देशों के सहयोग से ईरान की ऑयल फैसिलिटीज को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। दूसरी ओर, ईरान के राष्ट्रपति ने मुस्लिम देशों को एकजुट होने की अपील की है। यदि यह स्थिति और बढ़ती है, तो वैश्विक स्तर पर तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाएं भी सामने आ सकती हैं, जो भारत के शेयर बाजार को प्रभावित कर सकती हैं।2. चीन की आर्थिक नीतियांचीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए कई प्रोत्साहन घोषणाएं की हैं, जिससे उसके शेयर बाजार में तेजी देखने को मिल रही है। चीन की सरकार ने प्रॉपर्टी मार्केट को बढ़ावा देने के लिए 140 बिलियन डॉलर का इंसेंटिव दिया है। इसके परिणामस्वरूप, सीएसआई 300 इंडेक्स ने 10 दिनों में 25 फीसदी की वृद्धि की है। यह निवेशकों को भारत से चीन की ओर रुख करने के लिए प्रेरित कर सकता है।3. विदेशी निवेशकों की बिकवालीभारत में विदेशी निवेशकों की बिकवाली लगातार जारी है। हाल ही में, उन्होंने लगभग 9,900 करोड़ रुपये की निकासी की है। पिछले हफ्ते में, विदेशी निवेशकों ने 37,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि निकाली। अगर यह सिलसिला जारी रहा, तो भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है।4. RBI की मॉनेटरी पॉलिसी बैठकआरबीआई की आगामी मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह लगातार दसवां मौका होगा जब आरबीआई ने अपने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया। इससे बाजार में अनिश्चितता बढ़ सकती है।5. हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजेअगले हफ्ते हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम भी शेयर बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। यदि भाजपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है, तो बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। पिछले 10 वर्षों से हरियाणा में भाजपा की सरकार है, और यदि चुनावी नतीजे उनके पक्ष में नहीं आते हैं, तो इसका असर व्यापक रूप से देखा जा सकता है।वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएंशुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही एक प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए, जिससे वीकली गिरावट 4.5 प्रतिशत हो गई, जो कि जून 2022 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स ने इस दौरान 4,147.67 अंकों की गिरावट देखी, जबकि निफ्टी 1,201.45 अंकों तक टूट गया। इस गिरावट के कारण निवेशकों को 16.68 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अगले हफ्ते किन फैक्टर्स के कारण शेयर बाजार में और गिरावट आती है और क्या सरकार या आरबीआई इससे निपटने के लिए कोई ठोस कदम उठाती है। बाजार की स्थिति में सुधार की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।