News18 : Aug 05, 2020, 04:57 PM
नई दिल्ली। देश के सेवा क्षेत्र (Service Sector) में जुलाई माह के दौरान भी गिरावट रही। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में लगने वाले लॉकडाउन (Lockdown) ने कंपनियों को परिचालन में कमी लाने और कर्मचारियों की संख्या में कटौती रखने को मजबूर किया जिससे सेवा क्षेत्र में संकुचन बरकरार रहा। बुधवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसिज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जुलाई माह में 34.2 अंक पर रहा। हालांकि, जून के 33.7 अंक के मुकाबले यह मामूली सुधार में रहा। यह लगातार पांचवां महीना है जब सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में संकुचन रहा है।
GDP में 6% से अधिक गिरावट के संकेतआईएचएस मार्किट इंडिया (IHS Markit India) के सेवा क्षेत्र के खरीद प्रबंधकों के सूचकांक (PMI) के मुताबिक जुलाई में सूचकांक में मामूली वृद्धि होने के बावजूद सेवा क्षेत्र में लगातार पांचवें माह संकुचन रहा। पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना क्षेत्र में विस्तार को बताता है जबकि 50 अंक से नीचे रहने पर यह संकुचन को दर्शाता है। आईएचएस मार्किट के अर्थशासत्री लेविस कूपर ने कहा, इतने लंबे समय तक ऐसी बड़ी गिरावट में किसी तरह का व्यापक सुधार आने में सालों नहीं पर कई महीने लग सकते हैं। आईएचएस मार्किट के अनुमान को देखते हुये देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मार्च 2021 में समाप्त होने वाले वर्ष में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट का संकेत मिलता है।सर्वेक्षण में भाग लेने वालों ने कोविड- 19 महामारी के कारण समय समय पर लगने वाले लॉकडाउन संबंधी उपायों, कमजोर मांग की स्थिति और कंपनियों में कामकाज का अस्थाई तौर पर निलंबन को सेवा क्षेत्र की गतिविधियों और आर्डर बुक दोनों में आई गिरावट से जोड़ा है। कुल मिलाकर सकल मांग की स्थिति काफी दबी हुई है, इससे सेवा प्रदाताओं ने जुलाई में रोजगारों में और कटौती की है। रोजगार में कमी की रफ्तार तेज रही है।
भागीदारों ने उपयागकर्ताओं की ओर से कमजोर मांग और व्यवसायों के अस्थाई तौर पर बंद होने को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया है। सेवा क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र दोनों का संयोजित पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जून के 37।8 से घटकर जुलाई में 37।2 अंक पर आ गया। इससे जुलाई माह के दौरान निजी क्षेत्र के कारोबार और गतिविधियों में और तेज सुकुचन की तरफ इशारा मिलता है। इस बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हो गई। छह सदस्यों वाली यह समिति 6 अगस्त को अपना फैसला सुनायेगी।
GDP में 6% से अधिक गिरावट के संकेतआईएचएस मार्किट इंडिया (IHS Markit India) के सेवा क्षेत्र के खरीद प्रबंधकों के सूचकांक (PMI) के मुताबिक जुलाई में सूचकांक में मामूली वृद्धि होने के बावजूद सेवा क्षेत्र में लगातार पांचवें माह संकुचन रहा। पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना क्षेत्र में विस्तार को बताता है जबकि 50 अंक से नीचे रहने पर यह संकुचन को दर्शाता है। आईएचएस मार्किट के अर्थशासत्री लेविस कूपर ने कहा, इतने लंबे समय तक ऐसी बड़ी गिरावट में किसी तरह का व्यापक सुधार आने में सालों नहीं पर कई महीने लग सकते हैं। आईएचएस मार्किट के अनुमान को देखते हुये देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में मार्च 2021 में समाप्त होने वाले वर्ष में 6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट का संकेत मिलता है।सर्वेक्षण में भाग लेने वालों ने कोविड- 19 महामारी के कारण समय समय पर लगने वाले लॉकडाउन संबंधी उपायों, कमजोर मांग की स्थिति और कंपनियों में कामकाज का अस्थाई तौर पर निलंबन को सेवा क्षेत्र की गतिविधियों और आर्डर बुक दोनों में आई गिरावट से जोड़ा है। कुल मिलाकर सकल मांग की स्थिति काफी दबी हुई है, इससे सेवा प्रदाताओं ने जुलाई में रोजगारों में और कटौती की है। रोजगार में कमी की रफ्तार तेज रही है।
भागीदारों ने उपयागकर्ताओं की ओर से कमजोर मांग और व्यवसायों के अस्थाई तौर पर बंद होने को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया है। सेवा क्षेत्र और विनिर्माण क्षेत्र दोनों का संयोजित पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जून के 37।8 से घटकर जुलाई में 37।2 अंक पर आ गया। इससे जुलाई माह के दौरान निजी क्षेत्र के कारोबार और गतिविधियों में और तेज सुकुचन की तरफ इशारा मिलता है। इस बीच रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हो गई। छह सदस्यों वाली यह समिति 6 अगस्त को अपना फैसला सुनायेगी।