PM Modi US Visit / भारत में किसी से कोई भेदभाव नहीं, लोकतंत्र पर सवाल उठाने पर- PM मोदी का करारा जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे के दूसरे दिन व्हाइट हाउस पहुंचे हैं. यहां राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने पीएम का रेड कार्पेट वेलकम किया. वहीं द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों के नेताओं संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान साक्षा बयान जारी किया और सवालों के जवाब दिए. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया गया कि अल्पसंख्यकों के लिए भारत सरकार क्या कदम उठा रही है? इसके जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी

Vikrant Shekhawat : Jun 23, 2023, 07:49 AM
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे के दूसरे दिन व्हाइट हाउस पहुंचे हैं. यहां राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने पीएम का रेड कार्पेट वेलकम किया. वहीं द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों के नेताओं संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान साक्षा बयान जारी किया और सवालों के जवाब दिए. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया गया कि अल्पसंख्यकों के लिए भारत सरकार क्या कदम उठा रही है?

इसके जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि आप कह रहे हैं कि लोग कहते हैं. लोग कहते हैं नहीं बल्कि भारत लोकतांत्रिक है. जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा भारत और अमेरिका दोनों के DNA में लोकतंत्र है.

पक्षपात का सवाल ही नहीं उठता: पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगो में है, लोकतंत्र को हम जीते हैं. हमारे पूर्वजों ने उसे शब्दों में डाला है. हमारा संविधान और हमारी सरकार, और हमने सिद्ध किया है कि डेमोक्रेसी कैन डिलीवरी जब मैं डिलीवरी कहता हूं तब जाति, पंथ, धर्म किसी भी तरह के भेदभाव की वहां पर जगह नहीं होती है. जब आप लोकतंत्र कहते हैं तो पक्षपात का कोई सवाल ही नहीं उठता है.

हमारे यहां रेल के डिब्बे में पूरा ऑस्ट्रेलिया

प्रधानमंत्री ने कहा कि क्लाइमेट का हमारे सांस्कृतिक परंपरा में बहुत महत्वपूर्ण जगह है. हम एक्सप्लोइटेशन ऑफ नेचर में विश्वास नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि साल 2030 तक हमने भारत की रेलवे का नेट जीरो का लक्ष्य रखा है. भारत की रेलवे कहने का मतलब यह है कि हर दिन हमारे यहां रेल के डिब्बे में पूरा ऑस्ट्रेलिया होता है, इतना बड़ा हमारा देश है.

कूटनीति से विवाद को सुलझाने पर जोर

उन्होंने कहा कि कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष से ग्लोबल साउथ के देश विशेष रूप से पीड़ित हुए हैं. हमारा मत है कि इन समस्याओं के समाधान के लिए सभी देशों का एकजुट होना अनिवार्य है. यूक्रेन के घटनाक्रम की शुरूआत से ही भारत ने वार्ता और कूटनीति के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर ज़ोर दिया है. मैं राष्ट्रपति बाइडेन का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने अफ्रीका को G20 का पूर्ण सदस्य बनाने के मेरे प्रस्ताव पर समर्थन जताया है.