World News / भारत से पुतिन को नहीं कोई खतरा, लेकिन इन 123 देशों में क्यों नहीं जाना चाहते पुतिन?

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन खौफ में हैं. वह यूक्रेन में वॉर क्राइम के ‘अपराधी’ हैं. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इसी साल 17 मार्च को उन्हें दोषी पाया. आरोप था कि यूक्रेन से बच्चों का अपहरण कर उन्हें रूस डिपोर्ट किया गया है. अगर वह रूस की सीमा लांघते हैं तो 123 देशों को उन्हें तुरंत गिरफ्तार किए जाने का आदेश है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर एक राष्ट्रपति की गिरफ्तारी कैसे मुमकिन है?

Vikrant Shekhawat : Jul 31, 2023, 10:04 AM
World News: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन खौफ में हैं. वह यूक्रेन में वॉर क्राइम के ‘अपराधी’ हैं. इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने इसी साल 17 मार्च को उन्हें दोषी पाया. आरोप था कि यूक्रेन से बच्चों का अपहरण कर उन्हें रूस डिपोर्ट किया गया है. अगर वह रूस की सीमा लांघते हैं तो 123 देशों को उन्हें तुरंत गिरफ्तार किए जाने का आदेश है. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर एक राष्ट्रपति की गिरफ्तारी कैसे मुमकिन है?

राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन पर हमले के बाद अबतक देश से बाहर नहीं गए हैं. उन्होंने कई महत्वपूर्ण सम्मेलनों में भी शिरकत नहीं की. अगले महीने 22-24 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स समिट शेड्यूल है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं. पुतिन ने इस सम्मेलन में जाने से इनकार किया है. चूंकि, दक्षिण अफ्रीका आईसीसी का सिग्नेटरी है, तो वह पुतिन को गिरफ्तार करने के बाध्य है. हाल ही में रूस-अफ्रीका समिट में अफ्रीकी नेता पुतिन के खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट को खारिज करने की मांग कर चुके हैं.

16000 बच्चों के अपहरण का मामला

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था. रूसी सेना ने यूक्रेन की सीमा में घुसते ही तबाही मचाई. ग्राउंड अटैक से पुतिन ने युद्ध की शुरुआत की. देखते-देखते कई बड़े हिस्से कब्जा लिए. इसी दौरान कब्जे वाले क्षेत्रों से पुतिन की सेना ने कथित रूप से 16000 बच्चों को अपहरण कर लिया. उन्हें रूस डिपोर्ट कर दिया. बताया जाता है कि इनमें 300 बच्चे घर लौट आए हैं लेकिन बाकियों के साथ क्या हुआ, कुछ पता नहीं चला.

एक महीने से भी कम समय में दोषी करार दिए गए पुतिन

बच्चों के अपहरण का मामला इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट 22 फरवरी 2023 को पहुंचा. अभियोक्ता ए.ए खान ने आईसीसी में याचिका दायर की. मामले की सुनवाई शुरू हुई. 42 टीमें जांच के लिए यूक्रेन भेजी गई. आईसीसी ने 65,000 वॉर क्राइम की पहचान की, जिसे रूसी सेना ने यूक्रेन में अंजाम दिया. कोर्ट में सबूत पेश किए गए. कोर्ट ने माना कि पुतिन असल में एक वॉर क्राइम के ‘अपराधी’ हैं. कोर्ट ने एक महीने से भी कम समय में ट्रायल पूरी की और पुतिन को दोषी पाया.

अब आपके मन में एक सवाल ये आ सकता है कि आखिर पुतिन ग्राउंड पर बच्चों का अपहरण करने तो नहीं गए होंगे? आईसीसी मानता है कि बच्चों के अपहरण के लिए सीधे तौर पर व्लादिमिर पुतिन और उनकी ऑफिस में चिल्ड्रेन राइट्स कमिश्नर मारिया अलेक्सयेवना लावोवा-बेलोवा जिम्मेदार हैं. अब अगर ये दो लोग रूस से बाहर उन देशों में जाते हैं जहां आईसीसी के आदेश लागू हैं, तो इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा.

वॉर क्राइम के दोषी के लिए सजा का प्रावधान

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट नीदरलैंड के हेग में स्थित है. 123 देशों वाले इस अंतरसरकारी संगठन में रूस भी एक सिग्नेटरी था. व्लादिमिर पुतिन इस संगठन से 2016 में अलग हो गए थे. 2014 के यूक्रेन अटैक में भी पुतिन पर वॉर क्राइम के आरोप लगे थे. यूक्रेन ने बाद में आईसीसी को जांच पड़ताल के लिए इजाजत दी थी. हालांकि, यूक्रेन भी आईसीसी का सिग्नेटरी नहीं है.

आईसीसी नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रामकता के अपराधों के मामलों की जांच करता है. वॉर क्राइम के दोषियों के लिए 30 साल या उम्रकैद की सजा का प्रावधान है. आईसीसी के 123 सदस्य देशों में 33 अफ्रीकी देश हैं, 19 एशिया-प्रशांत, 18 पूर्वी यूरोपीय, 28 लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई और 25 पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देश शामिल हैं.

राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को भारत में कोई खतरा नहीं

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के रोम कानून के सिग्नेटरी देश ही पुतिन को अरेस्ट कर सकते हैं. भारत, चीन, रूस और अमेरिका सहित दर्जनों देश ICC के सदस्य नहीं हैं. भारत इस साल जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. पुतिन के भी इस सम्मेलन में पहुंचने की उम्मीद है. हालांकि, अभी कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. चूंकि, भारत आईसीसी का सदस्य नहीं है, इसलिए पुतिन भारत की यात्रा बिना खौफ कर सकते हैं. भारत पर पुतिन की गिरफ्तारी का प्रेशर जरूर आ सकता है.

भारत ने पहले आईसीसी द्वारा दोषी करार लोगों की मेजबानी की है. मसलन, 2015 में भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के लिए सूडानी राष्ट्रपति उमर हसन अल-बशीर भारत दौरे पर आए थे. आईसीसी ने भारत से अफ्रीकी नेता को गिरफ्तार करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों को सौंपने के लिए कहा था. आईसीसी ने 2009 और 2010 में उन्हें सूडान के पश्चिम दारफुर इलाके में नरसंहार और वॉर क्राइम का दोषी करार दिया था. इसी केस में उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किए गए थे. वह 14 साल से सूडान की हिरासत में हैं. अब देखना होगा की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को लेकर आईसीसी आगे क्या कदम उठाता है.