मकर संक्रांति 2021 / आज मकर संक्रांति, जानें स्नान दान का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व

मकर संक्रांति 2021 एक त्योहार है जिस पर किया गया कार्य अंतहीन गुणा देता है। मकर संक्रांति को दान, पुण्य और देवताओं का दिन कहा जाता है। मकर संक्रांति को 'खिचड़ी' भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। मकर संक्रांति से ऋतु परिवर्तन भी शुरू होता है।

Vikrant Shekhawat : Jan 14, 2021, 07:26 AM
मकर संक्रांति 2021 एक त्योहार है जिस पर किया गया कार्य अंतहीन गुणा देता है। मकर संक्रांति को दान, पुण्य और देवताओं का दिन कहा जाता है। मकर संक्रांति को 'खिचड़ी' भी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। मकर संक्रांति से ऋतु परिवर्तन भी शुरू होता है। मकर संक्रांति के साथ सर्दियों का मौसम समाप्त होता है और वसंत का मौसम शुरू होता है। इस वर्ष मकर संक्रांति पर पांच अन्य ग्रहों (सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध और चंद्रमा) के साथ विशेष योग बन रहा है, जिसमें सूर्य मकर राशि में बैठे होंगे।

मकर संक्रांति तिथि और स्नान का शुभ समय (मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त में स्नान-दान के लिए)

गुरुवार को मकर संक्रांति सुबह 8:30 बजे शुरू होगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह बहुत ही शुभ समय माना जाता है। इस संक्रांति के बाद ही सभी शुभ कार्य शुरू होते हैं। आचार्य कमलानंद लाल के अनुसार, इसका शुभ मुहूर्त सुबह 8.30 बजे से शाम 5.46 बजे तक रहेगा। वहीं, महापुण्य काल का मुहूर्त सुबह 8.30 से 10.15 बजे तक रहेगा। इस अवधि में स्नान और दान-दक्षिणा जैसे कार्य किए जा सकते हैं।

दिनांक: 14 जनवरी, 2021 (गुरुवार)

पुण्य काल मुहूर्त: सुबह 8:30 से शाम 5.46 तक

महापुण्य काल मुहूर्त: सुबह 8:30 से सुबह 10.15 तक

इस दिन सुबह स्नान करें और कमल में लाल फूल डालकर सूर्य को अर्पित करें। सूर्य बीज मंत्र का जाप करें। श्रीमदभगवद का एक अध्याय पढ़ें या गीता पढ़ें। नए अनाज, कंबल, तिल और घी का दान करें। भोजन में नई खिचड़ी बनाएं। भोजन को भगवान को समर्पित करें और इसे प्रसाद के रूप में लें। शाम को भोजन का सेवन न करें। इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को तिल और बर्तनों का दान करना आपको शनि से जुड़े सभी कष्टों से छुटकारा दिलाता है।

मकर संक्रांति के त्योहार को कभी-कभी उत्तरायण भी कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्य की पूजा करने का विशेष महत्व है। ज्योतिष का मानना ​​है कि मकर संक्रांति के दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है। मकर संक्रांति पर घी-तिल-कम्बल-खिचड़ी दान का विशेष महत्व है।

ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन, तिल, गुड़ और खिचड़ी के दान से भाग्य बदल जाता है। मकर संक्रांति के दिन, सुख और समृद्धि का प्रतीक, दान, स्नान या श्राद्ध कार्य करना शुभ माना जाता है। शास्त्रों में मकर संक्रांति पर गंगा स्नान की विशेष महिमा बताई गई है।

इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश दान करना भी बहुत शुभ होता है। पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में, नई फसलों को उगाने का समय है। इसलिए, किसान इस दिन को कृतज्ञता दिवस के रूप में भी मनाते हैं। इस दिन तिल और गुड़ से बनी मिठाइयां बांटी जाती हैं। इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है।

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी ही नहीं, तिल से जुड़े दान और प्रयोग भी लाभ देते हैं। दरअसल, यह मौसम में बदलाव का समय है। इस मामले में, तिल का उपयोग विशेष हो जाता है। साथ ही, मकर संक्रांति भी सूर्य और शनि से लाभ पाने के लिए एक विशेष दिन है। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। शास्त्रों में, उत्तरायण के समय को देवताओं का दिन कहा जाता है और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है।