Vikrant Shekhawat : Jan 14, 2021, 05:51 PM
जयपुर.प्रदेश की राजधानी में पतंगबाजी का कोलाहल छतों से सुनाई दे रहा है। यह कोलाहल कोई शोर नहीं, बल्कि पतंगों की डोर की सांय-सांय और छतों पर रखे म्यूजिक सिस्टम का है। जिस पर नए-पुराने गानों के साथ बीच-बीच में ये काटा-वो काटा, पेच लड़इयो जैसे शब्द गूंज उठते हैं।मकर संक्रान्ति का यह अवसर दिल खोलकर त्योहार मनाने का अवसर है।