Farmer Protest / शंभू बॉर्डर पर भिड़े दो गुट, किसान नेता पंढेर को ही मंच से नीचे उतारा

MSP समेत कई मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं को दो गुट आपस में ही भिड़ गया. देखते ही देखते स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि दूसरे गुट के किसान नेताओं मंच को भी अपने कब्जे में ले लिया दूसरे नेताओं को मंच से नीचे उतार दिया. किसान नेताओं को दो गुटों के बीच मतभेद को देखते हुए मंच के नीचे बैठे किसान नारेबाजी भी करने लगे. दरअसल, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर मंच पर चढ़कर आज के आंदोलन को विराम देने

Vikrant Shekhawat : Feb 21, 2024, 08:00 PM
Farmer Protest: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) समेत कई मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं को दो गुट आपस में ही भिड़ गया. देखते ही देखते स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि दूसरे गुट के किसान नेताओं मंच को भी अपने कब्जे में ले लिया दूसरे नेताओं को मंच से नीचे उतार दिया. किसान नेताओं को दो गुटों के बीच मतभेद को देखते हुए मंच के नीचे बैठे किसान नारेबाजी भी करने लगे.

दरअसल, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर मंच पर चढ़कर आज के आंदोलन को विराम देने और कल दिल्ली कूच करने का ऐलान कर रहे तभी दीप सिद्धू के संगठन से जुड़े लोग उनको भला-बुरा कहने लगे. नेताओं के बीच विवाद यह नहीं रुका, दीप सिद्धू संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने पंढेर को मंच से नीचे उतार दिया और स्टेज को अपने कब्जे में ले लिया.

शंभू बॉर्डर अलग-अलग संघ के किसान नेता जुटे हुए हैं. बकायदा एक मंच बनाया गया है जहां से किसान नेता आंदोलन की रूपरेखा और सरकार के साथ होने वाली बातचीत के बारे में लोगों को बताते हैं. शाम को पंढेर भी इसी मंच पर चढ़कर किसानों को आंदोलने के बारे में जानकारी दे रहे थे, तभी दूसरे गुट के किसान नेता मंच पर चढ़ गए और तू-तू मैं-मैं करने लगे.

दीप सिद्धू गुट नेताओं ने मंच पर कर लिया कब्जा

देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि दीप सिद्धू गुट के नेताओं ने पंढेर को मंच से ही नीचे उतार दिया और स्टेज पर कब्जा कर लिया. कई नेता बीच-बचाव भी करते हुए नजर आए. हालांकि, दो गुटों में यह मतभेद किस बात को लेकर हुई, इसकी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. सूत्रों के मुताबिक, दीप सिद्धू संगठन पंढेर की कई बातों से सहमत नहीं है.

दो दिनों के लिए सीजफायर का ऐलान

ताजा जानकारी के मुताबिक, किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दो दिनों के लिए सीजफायर का ऐलान किया है. इसका मतलब है कि किसान अब दो दिनों तक प्रदर्शन नहीं करेंगे. पंढेर ने कहा कि कल और परसों शांति रहेगी. हम नीति बनाएंगे, परसों दोनों फोरमों की रणनीति लोगों के सामने रखी जाएगी उसके बाद आगे की प्लानिंग बनेगी. इस ऐलान के बाद शंभू और खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान जस के तस वहीं पर बैठे रहेंगे.

पुलिस ने हमारी लंगर की कुछ ट्रॉली रोकी: पंढेर

पंढेर ने कहा कि मौजूदा हालत को देखते हुए सरकार के साथ बातचीत जारी रखना ठीक नहीं है. इसलिए दो दिनों का विश्राम लेने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर हमारी कुछ लंगर की ट्रॉली रोकी गई है. सरकार की नियत सबसे सामने है. हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन था. अगर पंजाब सरकार हमें रोकती है तो हम उसको भी जवाब देंगे. अभी तक सरकार की ओर से पांचवें दौर की बातचीत के लिए कोई चिट्ठी नहीं आई है. अगर बैठक का बुलावा आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा.

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने अपनी विभिन्‍न मांगों को लेकर दिल्‍ली जा रहे किसानों को रोके जाने पर बुधवार को कहा कि अगर वे (सरकार) किसानों को दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में किसान भी उन्‍हें गांव में नहीं आने देंगे। न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) की कानूनी गारंटी, बकाया गन्ना मूल्‍य के भुगतान, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत विभिन्‍न मांगों को लेकर मेरठ में भाकियू की ओर से जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया। टिकैत खुद ट्रैक्टर चलाते हुए किसानों के साथ कचहरी पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए कई जगह अवरोधक भी लगाये थे, मगर किसान उन्हें जबरन रास्ते से हटाते हुए आगे बढ़ गए।

'वे हमारे लिए कील लगाएंगे तो हम भी गांव में कील लगा देंगे'

टिकैत ने सरकार द्वारा दिल्‍ली जा रहे किसानों को रोकने के लिए रास्‍ते में कीलें बिछवाये जाने से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, ‘‘रास्ते में कीलें बिछाना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। वे अगर हमारे लिए कील लगाएंगे तो हम भी अपने गांव में कील लगा देंगे। हमें भी अपने गांव की बैरिकेडिंग करनी होगी।’’ टिकैत ने यह भी कहा, ‘‘अगर वे दिल्ली नहीं आने दे रहे हैं तो चुनाव में हम भी उनको गांव नहीं आने देंगे। आंदोलन को कुचलने का काम करेंगे तो उन्हें गांव में कौन आने देगा? कील तो गांव में भी है।’’

दिल्‍ली जा रहे किसानों के आंदोलन में शामिल क्यों नहीं हुए टिकैत?

भाकियू प्रवक्‍ता ने भाजपा सरकार को उद्योगपतियों की सरकार बताते हुए कहा कि अगर यह किसानों की सरकार होती तो एमएसपी की गारंटी देने का कानून कब का बन चुका होता। जब उनसे पूछा गया कि आप दिल्‍ली जा रहे किसानों के आंदोलन में क्यों शामिल नहीं हुए तो उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए यही दिल्ली है। किसान आंदोलन के समर्थन में पूरे देश का किसान एकजुट है। हम किसानों के लिए दिल्ली तो क्या कहीं भी जाने को तैयार हैं।’’

'किसानों की मांगे नहीं मानी तो देशभर में होगा आंदोलन'

टिकैत ने कहा कि आज भाकियू की तरफ से एमएसपी के साथ ही गन्ना मूल्य वृद्धि और स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किए जाने की मांग को लेकर मेरठ समेत देशभर से ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजे जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने अगर किसानों की मांगे नहीं मानी तो देशभर में आंदोलन होगा। किसान एकजुट होकर आंदोलन के लिए तैयार रहे। भाकियू नेता ने बताया कि गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने आज किसानो को जिला मुख्यालय तक रोकने के लिए तीन स्‍थानों पर अवरोधक लगाए थे लेकिन वे किसानों को जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचने से नहीं रोक सकें। (भाषा)