Vikrant Shekhawat : Dec 14, 2024, 01:00 PM
Farmer Movement: किसानों का एक बड़ा जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की तरफ कूच करने के लिए निकला है। इस बार, 101 किसान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले इस प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। ये किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर पैदल मार्च कर रहे हैं। जहां एक ओर किसानों का संघर्ष अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा बॉर्डर पर इन किसानों को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने इस आंदोलन को लेकर सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि किसानों का मूड अब "आर-पार की लड़ाई" का है। पंढेर ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसान अब अपनी मांगों को लेकर किसी भी प्रकार की समझौता नहीं करेंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार किसानों के आंदोलन को और तेज करना नहीं चाहती, तो उसे पहले बातचीत शुरू करनी चाहिए।अंबाला में इंटरनेट सेवा बंदकिसान आंदोलन को देखते हुए, अंबाला के कई गांवों में इंटरनेट सेवा को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया गया है। इंटरनेट बंद होने वाले इलाकों में डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बड़ी घेल, छोटी घेल, लहारसा, कालू माजरा, देवी नगर (हीरा नगर, नरेश विहार), सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू जैसे इलाके शामिल हैं। ये कदम प्रदर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की अफवाहों या असमंजस को फैलने से रोकने के लिए उठाया गया है। हालांकि, इन स्थानों पर लोग फोन पर बात करने में सक्षम होंगे, लेकिन इंटरनेट सेवा 17 दिसंबर तक बंद रहेगी।पहले भी कर चुके हैं दिल्ली कूच की कोशिशकिसान यूनियनों के इतिहास में यह कोई पहली बार नहीं है, जब दिल्ली कूच की कोशिश की गई हो। इससे पहले भी, रविवार को प्रदर्शनकारी किसानों को शंभू सीमा से दिल्ली तक अपना पैदल मार्च स्थगित करना पड़ा था। उस दिन किसानों पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले दागे थे, जिससे कई किसान घायल हो गए थे। इसके कारण किसानों का दिल्ली कूच फिर से विफल हो गया। वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की बिगड़ती सेहत के कारण भी विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया था। दल्लेवाल पिछले कई दिनों से आमरण अनशन पर थे और उनकी सेहत की चिंता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।राकेश टिकैत ने की पंजाब के किसान नेताओं से मुलाकातसंयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने हाल ही में पंजाब के किसान नेताओं से मुलाकात की और एकजुट होकर सरकार के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान किया। टिकैत ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल हमारे बड़े नेता हैं और उनकी तबीयत को लेकर पूरा देश चिंतित है। उन्होंने सरकार से यह अनुरोध किया कि वह इस स्थिति को गंभीरता से लें और किसानों से बातचीत का रास्ता खोले। टिकैत ने यह भी कहा कि यदि सरकार ने इस मुद्दे को नजरअंदाज किया, तो किसान आंदोलन एक बार फिर तेज हो जाएगा।सरकार को दी चेतावनीराकेश टिकैत ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि किसानों को अब अपनी ताकत दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं को घेरने का समय अब खत्म हो चुका है, और अब किसानों को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे के जरिए राष्ट्रीय राजधानी को घेरने की जरूरत है। टिकैत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार आंदोलन में 4 लाख ट्रैक्टरों की जरूरत हो सकती है।किसान आंदोलन का यह नया मोड़ यह संकेत देता है कि जब तक सरकार किसान नेताओं की मांगों पर गंभीर बातचीत नहीं करती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।