दुनिया / भारत-चीन विवाद पर अमेरिका बोला- हम बनाए हुए हैं नजर, UN ने भी जताई चिंता

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर अब पूरी दुनिया की नजर है। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि चीन को भी बड़ा नुकसान हुआ है। अमेरिका भी भारत और चीन के बीच जारी इस तनाव पर नजर बनाए हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि भारत-चीन के बीच LAC पर जो भी चल रहा है, उसपर अमेरिका की पूरी नजर है।

AajTak : Jun 17, 2020, 09:49 AM
दिल्ली: भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर अब पूरी दुनिया की नजर है। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि चीन को भी बड़ा नुकसान हुआ है। अमेरिका भी भारत और चीन के बीच जारी इस तनाव पर नजर बनाए हुए है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि भारत-चीन के बीच LAC पर जो भी चल रहा है, उसपर अमेरिका की पूरी नजर है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने इंडिया टुडे को कहा कि भारत की सेना ने 20 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की है, हम उनके परिवार के प्रति सांत्वना प्रकट करते हैं। भारत और चीन दोनों ही इस बात को राजी हैं कि वो इस विवाद को निपटाना चाहते हैं और बॉर्डर से सैनिक पीछे लेना चाहते हैं।

अमेरिका के मुताबिक, 2 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बात हुई थी जिसमें भारत-चीन के बॉर्डर पर जारी तनाव पर बात हुई थी। हम चाहते हैं कि दोनों देश शांति से इस विवाद को खत्म करें।


संयुक्त राष्ट्र ने भी जताई है चिंता

अमेरिका के अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच संघर्षों को लेकर चिंता जाहिर करते हुए दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। UN के सहयोगी प्रवक्ता एरी कनेको ने कहा, हम वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच हिंसा और मौतों की खबरों को लेकर चिंतित हैं। दोनों पक्षों से अपील है कि वे अत्यधिक संयम बरतें।

मंगलवार की घटना के बाद से ही वैश्विक स्तर पर भारत और चीन के बीच हुए इस तनाव की चर्चा है। अमेरिकी, ब्रिटेन मीडिया ने बड़े स्तर पर इस घटनाक्रम को कवर किया है और हालात तनावपूर्ण होने की बात की है।

बता दें कि गलवान घाटी में सैनिक वापसी की प्रक्रिया के दौरान दोनों देशों के सैनिक भिड़ गए। इस दौरान कंटीले डंडों, हाथापाई हुई और इसमें भारत और चीन के कई सैनिक हताहत हुए। भारत ने अपने 20 जवान खोए, जबकि चीन ने कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं जारी किया है।