Rajasthan Election / पार्टी लाइन से हटकर वसुंधरा पर ये क्या बोल गए उनके करीबी, मच गया हंगामा

राजस्थान में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले दो दिन से पार्टी को सत्ता में वापसी दिलाने के लिए राज्य के नेताओं के साथ मंथन में लगे हुए हैं. राजस्थान बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक के बाद अमित शाह ने पार्टी नेताओं से साफ कह दिया है इस बार का चुनाव बिना किसी सीएम फेस के लड़ा जाएगा.

Vikrant Shekhawat : Sep 29, 2023, 10:25 PM
Rajasthan Election: राजस्थान में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले दो दिन से पार्टी को सत्ता में वापसी दिलाने के लिए राज्य के नेताओं के साथ मंथन में लगे हुए हैं. राजस्थान बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक के बाद अमित शाह ने पार्टी नेताओं से साफ कह दिया है इस बार का चुनाव बिना किसी सीएम फेस के लड़ा जाएगा.

हालांकि वसुंधरा समर्थक और सात बार के पूर्व विधायक देवी सिंह भाटी के एक बयान ने न केवल राजस्थान की राजनीति में हलचल तेज कर दी है बल्कि आलाकमान की चिंता भी बढ़ा दी है. दरअसल भाटी ने कहा है कि वसुंधरा राजे सिंधिया ही बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री होंगी.

बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले सात बार के पूर्व विधायक देवी सिंह भाटी की पार्टी में वापसी हुई है. देवी सिंह भाटी ने बीजेपी में वापसी इसी शर्त पर की है कि वसुंधरा राजे सिंधिया को ही सीएम चेहरा बनाया जाए.

राजस्थान में बीजेपी की ओर से बिना सीएम फेस के चुनाव लड़ने की तैयारी और दूसरी ओर वसुंधरा के लीडरशिप की शर्त रखने वाले भाटी का पार्टी में वापस लौट आना, इस बात का संकेत है कि पार्टी की ओर से वसुंधरा को चुनाव के बाद का समीकरण समझाकर कोई आश्वासन दिया जा चुका है? ये सवाल इसलिए भी उठने लगे हैं क्योंकि जेपी नड्डा और अमित शाह के जयपुर से लौटने के बाद वसुंधरा राजे चुनाव को लेकर काफी एक्टिव हो गईं हैं.

राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों से को लेकर अब वसुंधरा राजे ने कमान संभाल ली है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजे, अलवर जिले की बलदेवगढ़ पंचायत के बरवा डूंगरी गांव पहुंचीं और पदयात्रा के समापन समारोह में हिस्सा लिया. इसके साथ ही उन्होंने संतों का भी आशीर्वाद लिया.

20 साल से सूबे की सियासत में सक्रिय हैं राजे

70 साल की वसुंधरा राजे पिछले 20 साल से राजस्थान की सियासत में सक्रिय हैं. राजे ने साल 1984 में पहली बार राजनीति करियर की शुरुआत की थी. राजे 1985 में पहली बार विधानसभा सदस्य चुनी गईं. 1989 में वसुंधरा राजे ने पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और 2003 तक बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकारों में अलग-अलग मंत्रालयों का कार्यभार संभाला. इसके बाद उन्होंने पूरी तरह से राजस्थान की राजनीति में कदम जमा लिए. इसके बाद राजे ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. राजस्थान में वसुंधरा राजे बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरी हैं.

राजस्थान बीजेपी का सबसे बड़ा चेहरा हैं राजे

राजस्थान में कांग्रेस के अशोक गहलोत के मुकाबले बीजेपी में वसुंधरा राजे बड़ा चेहरा हैं. पिछले विधानसभा चुनावों को देखें तो सत्ता की चाबी इन दोनों नेताओं के इर्द-गिर्द ही घूमती रहती है. राजस्थान में वसुंधरा राजे बीजेपी का सबसे मजबूत और लोकप्रिय चेहरा हैं. बता दें कि राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री बन चुकीं वसुंधरा राजे की संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ है.