Vikrant Shekhawat : Jan 07, 2023, 02:00 PM
Joshimath Sinking Reason: उत्तराखंड (Uttarakhand) के जोशीमठ (Joshimath) में घर, मकान, दुकान और सड़कों पर दरारें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. यहां कभी भी, कहीं भी, किसी भी जगह पर नई दरारें उभर रही हैं, और ये दरारें छोटी नहीं हैं, ये दरारें डराने वाली हैं, इसकी वजह से हजारों लोग दर्द में हैं. जिनकी कोई गलती नहीं है लेकिन फिर भी उनके ऊपर अपने घर के छूट जाने का संकट है. नई रिपोर्ट के मुताबिक, अब वहां के 700 से ज्यादा मकानों में खतरनाक दरारें हैं और इस समय जब आप ये स्टोरी पढ़ रहे हैं तो हो सकता है कि वहां कुछ और घरों में भी दरारें पड़ गई हों, यानी खतरा बड़ा है, लोग डरे हुए हैं. उन्हें नहीं पता कि कब जोशीमठ में किसके घर में कितनी खतरनाक दरारें उभर आएंगी. डराने वाली बात ये भी है कि ये मकान कभी भी ढह सकते हैं, क्योंकि यहां मकानों के नीचे की मिट्टी लगातार धंस रही है और इसी वजह से अब तक 100 के करीब परिवार अपने घरों से दूसरी जगहों पर जा चुके हैं.जोशीमठ में जमीन खिसकने का जिम्मेदार कौन?चमोली जिले के जोशीमठ शहर में जमीन खिसकने के पीछे वहां चल रही जल विद्युत परियोजना और दूसरे निर्माण कार्यों को जिम्मेदार माना जा रहा है. ये आरोप जोशीमठ के उन लोगों के हैं, जो इस समय अपने घरों को दरकता हुआ देख रहे हैं, जिनके घर इस आपदा में बर्बाद हो गए हैं. जो हर पल, हर समय डर के साए में जी रहे हैं. फिलहाल जोशीमठ में आई इस मुसीबत से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, मोदी सरकार इस पर लगातार नजर बनाए हुए है.सीएम धामी ने पीड़ितों से की मुलाकातजोशीमठ के आयुक्त ने जोशीमठ में NDRF की तैनाती के निर्देश दे दिए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके. शनिवार यानी 7 जनवरी को खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे और प्रभावित हिस्सों को जाकर पीड़ितों से मुलाकात की. इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री धामी ने इसी मसले पर वैज्ञानिकों से लेकर एक्सपर्ट्स के साथ बात की ताकि समस्या का जल्द हल निकाला जा सके.इन प्रोजेक्ट्स पर लगी रोकजगह-जगह दरारें क्यों पड़ रही हैं, इसके बारे में पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम ने जोशीमठ में जांच शुरू कर दी है. NTPC की विद्युत परियोजना के साथ जोशीमठ के नीचे बन रहे टनल के काम को भी बंद कर दिया गया है और NTPC की टनल की भी जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके अलावा जोशीमठ-ओली रोपवे को भी फिलहाल बंद कर दिया है और कुछ खास जगहों पर लोगों के आने जाने पर भी रोक लगा दी गई है.जोशीमठ के लोगों के दर्द की कोई सीमा नहीं है. इन दरारों के लिए ये बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं हैं और इन्होंने कोई भी ऐसा काम नहीं किया, जिसकी वजह से इनके घर दुकान और आसपास के हिस्सों में दरारें आ गई हैं. जोशीमठ में टनल बनाया जा रहा है और इसे NTPC बना रही है. ये 12 किलोमीटर लंबा है और जोशीमठ से करीब 15 किलोमीटर दूर तपोवन से इसकी शुरुआत होती है. जोशीमठ के करीब शेलांग गांव तक इसको बनाया जाना है, इसका आधे से अधिक काम पूरा हो चुका है और बाकी का काम अभी चल रहा था लेकिन दरारों की जानकारी के बाद से काम रोक दिया गया है.ये टनल विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना का हिस्सा है, जो धौली गंगा नदी पर बनी है. आपको याद होगा 7 फरवरी 2021 को उत्तराखंड में इसी जगह के पास रैणी गांव में प्राकृतिक आपदा आई थी, उसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. उस समय NTPC की इसी सुरंग में आपदा के समय मलबे के साथ बहुत सारा पानी घुस गया था. अब जोशीमठ के लोग अपने घरों में आई दरार के लिए इसी टनल और यहां के पहाड़ों में किए जा रहे दूसरे काम को जिम्मेदार बता रहे हैं.