AajTak : Dec 27, 2019, 04:08 PM
देश में भर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ जहां-जहां विरोध प्रदर्शन हुए या हिंसा हुई वहां राज्यों सरकारों ने सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है। और जहां धारा 144 लगाए जाने के बाद भी शांति भंग होने की आशंका है, वहां पुलिस और सुरक्षा बल फ्लैग मार्च कर रहे हैं। दरअसल, कहीं भी किसी भी शहर में लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की संभावना या किसी घटना के बाद हालात को काबू करने के लिए फ्लैग मार्च किया जाता है। लेकिन ये फ्लैग मार्च होता क्या है? आइऐ आपको विस्तार से बताते हैं।क्या होता है फ्लैग मार्च
यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) दीपेश जुनेजा के मुताबिक फ्लैग मार्च एक आपातकालीन प्रशासनिक कार्यक्रम होता है। यह उस समय जरूरी होता है, जब किसी प्रदेश या शहर या किसी भी इलाके में कानून व्यवस्था बिगड़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है या होने की संभावना होती है। किसी भी तनावपूर्ण स्थिति को काबू करने, जनजीवन और सामाजिक वातावरण को सामान्य बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जाता है।
कौन करता है फ्लैग मार्च
किसी भी प्रांत के शहर एवं ग्रामीण इलाकों में अगर कानून व्यवस्था बिगड़ती है या ऐसा होने की संभावना होती है। तो जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पीएसी, सेना या अर्धसैनिक बल के जवान अधिकारियों के नेतृत्व में फ्लैग मार्च करते हैं।
कहां से आया फ्लैग मार्च शब्द
कुछ जानकारों के मुताबिक तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है और देश का प्रतिनिधित्व भी करता है। तिरंगे का प्रत्येक रंग का महत्वपूर्ण है, जो देशवासियों को सौहार्द, राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश देता है। इसलिए नाजुक या तनावपूर्ण हालात में जनसाधारण को पुनः जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया जाता है। वहीं से फ्लैग शब्द लिया गया है।
धारा 144 के तहत होता है प्रयोग
अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) दीपेश जुनेजा सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है। इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है। और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है। जहां धारा 144 लगाए जाने के बाद भी तनावपूर्ण हालात या किसी उपद्रव की संभावना हो, वहां फ्लैग किया जाता है।
यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) दीपेश जुनेजा के मुताबिक फ्लैग मार्च एक आपातकालीन प्रशासनिक कार्यक्रम होता है। यह उस समय जरूरी होता है, जब किसी प्रदेश या शहर या किसी भी इलाके में कानून व्यवस्था बिगड़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है या होने की संभावना होती है। किसी भी तनावपूर्ण स्थिति को काबू करने, जनजीवन और सामाजिक वातावरण को सामान्य बनाए रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जाता है।
कौन करता है फ्लैग मार्च
किसी भी प्रांत के शहर एवं ग्रामीण इलाकों में अगर कानून व्यवस्था बिगड़ती है या ऐसा होने की संभावना होती है। तो जनता को सुरक्षा का भरोसा दिलाने और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पीएसी, सेना या अर्धसैनिक बल के जवान अधिकारियों के नेतृत्व में फ्लैग मार्च करते हैं।
कहां से आया फ्लैग मार्च शब्द
कुछ जानकारों के मुताबिक तिरंगा हमारा राष्ट्रीय ध्वज है और देश का प्रतिनिधित्व भी करता है। तिरंगे का प्रत्येक रंग का महत्वपूर्ण है, जो देशवासियों को सौहार्द, राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश देता है। इसलिए नाजुक या तनावपूर्ण हालात में जनसाधारण को पुनः जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किया जाता है। वहीं से फ्लैग शब्द लिया गया है।
धारा 144 के तहत होता है प्रयोग
अपर पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) दीपेश जुनेजा सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है। इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है। और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है। जहां धारा 144 लगाए जाने के बाद भी तनावपूर्ण हालात या किसी उपद्रव की संभावना हो, वहां फ्लैग किया जाता है।