Vikrant Shekhawat : Jun 18, 2024, 06:50 PM
Lok Sabha Speaker: 18वीं लोकसभा का स्पीकर कौन होगा, इसको लेकर पिछले एक हफ्ते से कई नामों की चर्चा है. अब लोकसभा स्पीकर के चयन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों से अध्यक्ष पद के लिए नाम सुझाने को कहा है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी ने तेलगु देशम पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोजपा (आर) से पूछा है कि क्या उनकी नजर में स्पीकर के लिए कोई नाम है? हालांकि, अभी तक किसी भी सहयोगी दलों की ओर से इसको लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. इन दलों ने प्रधानमंत्री मोदी पर फैसला छोड़ दिया है.स्पीकर को लेकर राजनाथ के घर पर बैठकलोकसभा के नए स्पीकर को लेकर रक्ष मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर मंगलवार शाम को बैठक प्रस्तावित है. राजनाथ सिंह के घर पर दो दिन पहले भी एनडीए नेताओं की बैठकी हो चुकी है.कहा जा रहा है कि स्पीकर को लेकर सर्व-सम्मति बनाने की जिम्मेदारी बीजेपी हाईकमान की तरफ से राजनाथ सिंह को ही दी गई है. राजनाथ सिंह के घर पर जो पहली बैठक हुई थी, उसमें जेडीयू, टीडीपी और लोजपा (आर) के नेता शामिल हुए थे.स्पीकर को लेकर चल रही है 3 तरह की चर्चा1. बीजेपी का स्पीकर और सहयोगी दलों का डिप्टी स्पीकरसबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की है. कहा जा रहा है कि बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी स्पीकर का पद अपने पास रखेगी. बदले में सहयोगी दलों को डिप्टी स्पीकर का पद देगी. 2014 और 2019 में भी बीजेपी ने अपने कोटे से ही स्पीकर बनाया था.2014 में पार्टी ने डिप्टी स्पीकर का पद एआईएडीएमके को दे दिया था. 2019 में डिप्टी स्पीकर का पद रिक्त था.2. स्पीकर पद को लेकर टीडीपी की दावेदारीएनडीए खेमे में स्पीकर पद को लेकर दूसरी बड़ी चर्चा टीडीपी की दावादेरी से जुड़ी हुई है. कहा जा रहा है कि 1998 में अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में स्पीकर का पद टीडीपी को मिला था. पार्टी ने जीएमसी बालयोगी को उस वक्त लोकसभा का अध्यक्ष बनाया था.हालांकि, टीडीपी ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया. जेडीयू ने जरूर इस पद के बीजेपी के पास जाने की बात कही है.3. इंडिया की तरफ से भी की जाएगी दावेदारीएनडीए खेमे के इतर इंडिया गठबंधन भी लोकसभा अध्यक्ष पद के दावेदारी में जुट गई है. इंडिया गठबंधन के दलों को अगर डिप्टी स्पीकर का पद नहीं मिलता है तो दलों की ओर से स्पीकर पद के लिए भी उम्मीदवार उतारा जाएगा.आम तौर पर राजनीतिक सुचिता के तहत डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने की परंपरा है. हालांकि, 2014 के बाद से यह अब तक नहींबीजेपी हो पाया है.