Share Market News / क्यों डूब जाता है कुंभ मेले में शेयर बाजार, हर बार मचा हाहाकार

महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत संगम तट पर श्रद्धालुओं की पवित्र डुबकी से हुई। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि कुंभ मेले के दौरान भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का ट्रेंड देखा गया है। बीते 20 वर्षों में हर कुंभ के दौरान सेंसेक्स ने नेगेटिव रिटर्न दिया। विशेषज्ञ इसे ऐतिहासिक डेटा पर आधारित सतर्कता का नतीजा मानते हैं।

Vikrant Shekhawat : Jan 13, 2025, 05:00 PM

Share Market News: भारत का महाकुंभ मेला 2025 देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। इस बार इसका शुभारंभ सोमवार से हो चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले ही दिन संगम तट पर 4 मिलियन से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई। इस आयोजन में देश-विदेश से लाखों लोग गंगा में स्नान कर मोक्ष प्राप्ति की आशा में शामिल होते हैं। ऐसी मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से आत्मा की शुद्धि होती है और जीवन के पाप मिट जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि कुंभ मेले के दौरान भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का ट्रेंड देखा गया है? आइए, इस दिलचस्प विषय को आंकड़ों के साथ समझने की कोशिश करते हैं।

कुंभ मेले के दौरान शेयर बाजार में गिरावट का ट्रेंड

सैमको सिक्योरिटीज द्वारा किए गए एक विश्लेषण में यह पता चला है कि पिछले 20 वर्षों में जब भी कुंभ मेला आयोजित हुआ, उस दौरान शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में गिरावट देखने को मिली। सैमको सिक्योरिटीज के मार्केट पर्सपेक्टिव्स और रिसर्च प्रमुख अपूर्व शेठ ने इस विश्लेषण में बताया कि कुंभ मेले की शुरुआत से लेकर समाप्ति तक सेंसेक्स का प्रदर्शन नेगेटिव रहा।

सेंसेक्स में कब-कब कितनी गिरावट हुई?

पिछले छह कुंभ मेलों के दौरान सेंसेक्स के रिटर्न को देखें तो हर बार गिरावट दर्ज की गई। 52 दिनों के औसत मेले की अवधि में सेंसेक्स में लगभग 3.4% की गिरावट देखी गई।

कुंभ मेला स्टार्ट डेटकुंभ मेला एंड डेटसेंसेक्स का रिटर्न (फीसदी में)
05 अप्रैल 200404 मई 2004-3.3
14 जनवरी 201028 अप्रैल 2010-1.2
14 जनवरी 201311 मार्च 2013-1.3
14 जुलाई 201528 सितंबर 2015-8.3
22 अप्रैल 201623 मई 2016-2.4
01 अप्रैल 2021                           19 अप्रैल 2021-4.2
साल 2015 के कुंभ मेले के दौरान सेंसेक्स में सबसे अधिक 8.3% की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट जुलाई 2015 से सितंबर 2015 तक देखने को मिली थी। वहीं, 2021 के कुंभ मेला के दौरान सेंसेक्स में 4.2% की गिरावट हुई। दूसरी ओर, सबसे कम गिरावट 2010 के कुंभ मेला के दौरान 1.2% रही।

महाकुंभ के बाद सेंसेक्स में सुधार का ट्रेंड

हालांकि कुंभ मेले के दौरान शेयर बाजार गिरावट दिखाता है, लेकिन इसके बाद के छह महीनों में बाजार में सुधार का ट्रेंड भी देखने को मिला है। सैमको सिक्योरिटीज के अनुसार, कुंभ मेले के छह महीने बाद सेंसेक्स ने छह में से पांच बार पॉजिटिव रिटर्न दिया है। औसतन, कुंभ मेले के बाद सेंसेक्स में 8% की वृद्धि देखी गई। सबसे अधिक वृद्धि 2021 के कुंभ के बाद देखने को मिली, जब सेंसेक्स लगभग 29% बढ़ गया था।

कुंभ मेले के बाद सेंसेक्स का प्रदर्शन

कुंभ मेले के 6 महीने बादसेंसेक्स का रिटर्न (फीसदी में)
2004                                                           1
201016.8
20131.8
2015-2.5
20162.1
202128.8
2021 के कुंभ मेले के बाद सेंसेक्स में 28.8% की बढ़ोतरी देखी गई, जो पिछले सभी वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है। 2010 के कुंभ के बाद भी बाजार में 16.8% की अच्छी बढ़त देखी गई। हालांकि 2015 के कुंभ मेले के बाद सेंसेक्स ने -2.5% का नेगेटिव रिटर्न दिया।

गिरावट के संभावित कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि कुंभ मेले के दौरान शेयर बाजार में गिरावट के पीछे कई कारक हो सकते हैं। इनमें प्रमुख कारणों में निवेशकों का सतर्क रवैया शामिल है। कुंभ के दौरान लोग अधिक धार्मिक गतिविधियों में व्यस्त होते हैं, जिससे निवेश और ट्रेडिंग गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक कारकों का भी इस समय बाजार पर असर पड़ सकता है।

वर्तमान स्थिति

महाकुंभ मेला 2025 की शुरुआत के साथ ही भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है। सोमवार को सेंसेक्स में 800 अंकों से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, और यह 76,677.06 अंकों पर कारोबार कर रहा है। ऐतिहासिक आंकड़ों को देखते हुए, आने वाले दिनों में भी बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है।

निष्कर्ष

कुंभ मेले के दौरान भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का एक दिलचस्प पैटर्न देखा गया है। हालांकि, यह गिरावट अस्थायी होती है और मेले के बाद बाजार में सुधार देखने को मिलता है। निवेशकों के लिए यह जानना जरूरी है कि कुंभ मेला अवधि के दौरान बाजार में गिरावट से घबराने के बजाय इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए। इतिहास ने दिखाया है कि कुंभ मेला समाप्त होने के बाद बाजार ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे दीर्घकालिक निवेशकों को लाभ हुआ है।