Share Market News: जनवरी के महीने में भारत और पाकिस्तान के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स लगभग 1% तक गिर गया, जबकि कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 (KSE 100) में डेढ़ फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। दोनों देशों के निवेशकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण डॉलर इंडेक्स में तेजी बताया जा रहा है, जिससे विदेशी निवेशकों ने इन बाजारों से पैसा निकालना शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं इस गिरावट के मुख्य कारण और इसके असर को विस्तार से।
भारत के शेयर बाजार में बड़ी गिरावट
बीते एक हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट का दौर जारी है। सेंसेक्स में पिछले हफ्ते 2.32% यानी 1,844.2 अंकों की गिरावट हुई, जिससे निवेशकों को 20 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। जनवरी की बात करें तो सेंसेक्स अब तक 760.1 अंकों की गिरावट के साथ खड़ा है।
1 जनवरी को सेंसेक्स 79,223.11 अंकों पर था, जो अब गिरकर 77,378.91 अंकों पर आ गया है। पिछले साल के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 78,139.01 अंकों पर बंद हुआ था।इस भारी गिरावट के कारण भारतीय निवेशकों को जनवरी के महीने में 13 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। शेयर बाजार के इस प्रदर्शन ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया है, और बाजार में चिंता का माहौल बना हुआ है।
पाकिस्तान के शेयर बाजार का हाल
कराची स्टॉक एक्सचेंज 100 (KSE 100) में भी इसी अवधि में भारी गिरावट दर्ज की गई। पिछले हफ्ते के आंकड़े बताते हैं कि केएसई 100 में 3.69% यानी 4,339.69 अंकों की गिरावट हुई।3 जनवरी को केएसई 100 सूचकांक 1,17,586.98 अंकों पर था, जो 10 जनवरी को गिरकर 1,13,247.29 अंकों पर आ गया। पूरे जनवरी महीने में अब तक डेढ़ फीसदी से अधिक की गिरावट देखी गई है।31 दिसंबर 2024 को केएसई 100 सूचकांक 115,126.90 अंकों पर बंद हुआ था। अब तक इसमें 1,879.61 अंकों की गिरावट हो चुकी है। पाकिस्तान के निवेशकों को भी इस गिरावट के कारण भारी नुकसान हुआ है।
डॉलर इंडेक्स में तेजी का असर
दोनों देशों के शेयर बाजारों में गिरावट का मुख्य कारण डॉलर इंडेक्स में तेजी है। जनवरी में डॉलर इंडेक्स 1% से अधिक बढ़कर 109.64 के स्तर पर पहुंच गया है। इसका सीधा असर भारत और पाकिस्तान की मुद्रा पर पड़ा है।भारतीय रुपए की वैल्यू गिरकर 86 रुपए प्रति डॉलर हो गई है, जबकि पाकिस्तानी रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। एक डॉलर की कीमत अब पाकिस्तान में 279.72 रुपए हो गई है।विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर इंडेक्स के 110 के स्तर को पार करने की संभावना है, जिससे भारतीय और पाकिस्तानी रुपए की स्थिति और बिगड़ सकती है।
विदेशी निवेशकों का पलायन
डॉलर इंडेक्स में तेजी के चलते विदेशी निवेशकों ने दक्षिण एशियाई बाजारों से अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया है। भारतीय शेयर बाजार से अब तक 15,236 करोड़ रुपए की निकासी हो चुकी है। पाकिस्तान में भी विदेशी निवेशक बाजार से बाहर हो रहे हैं, जिससे वहां की स्थिति और खराब हो रही है।
निवेशकों के लिए क्या है आगे का रास्ता?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के शेयर बाजारों में अभी और गिरावट देखने को मिल सकती है। डॉलर इंडेक्स की चाल और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां दोनों देशों के बाजारों को प्रभावित करेंगी। ऐसे में निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने निवेशों को सुरक्षित करें और बाजार की परिस्थितियों पर नजर बनाए रखें।
निष्कर्ष
मुंबई और कराची के शेयर बाजारों में आई इस गिरावट ने दोनों देशों के निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। डॉलर इंडेक्स में तेजी और विदेशी निवेशकों की निकासी इसके प्रमुख कारण हैं। अगर आने वाले दिनों में डॉलर की स्थिति और मजबूत होती है, तो इन देशों के शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी रह सकता है। निवेशकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और बाजार की चाल पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है।