RBI MPC Meeting / बढ़ेगा महंगाई का बोझ या कम होगी आपकी EMI, आज हो जाएगा फैसला

भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल तक चल रही है. फाइनेंशियल ईयर 2024-2025 की यह पहली बैठक है. ऐसे में आपकी लोन EMI सस्ती होगी या महंगाई का बोझ बढ़ेगा इसका फैसला आज यानी शुक्रवार सुबह 10 बजे हो जाएगा. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में चल रही इस बैठक से लोग रेपो रेट में कटौती की उम्मीद लगाए हुए हैं. रेपो रेट में कटौती होने पर लोगों के लोन की ईएमआई कम हो जाएगी.

Vikrant Shekhawat : Apr 05, 2024, 08:18 AM
RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल तक चल रही है. फाइनेंशियल ईयर 2024-2025 की यह पहली बैठक है. ऐसे में आपकी लोन EMI सस्ती होगी या महंगाई का बोझ बढ़ेगा इसका फैसला आज यानी शुक्रवार सुबह 10 बजे हो जाएगा. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में चल रही इस बैठक से लोग रेपो रेट में कटौती की उम्मीद लगाए हुए हैं. रेपो रेट में कटौती होने पर लोगों के लोन की ईएमआई कम हो जाएगी.

बता दें, लेकिन लंबे समय से आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती नहीं की है. विशेषज्ञों के मुताबिक, नए वित्त वर्ष में एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक लोगों को राहत दे सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो इस तिमाही भी केंद्रीय बैंक की तरफ से रेपो रेट में इजाफा नहीं किया जाएगा. 5 अप्रैल यानी आज RBI की मौद्रिक समिति रेपो रेट का ऐलान करेगी.

लगातार सातवीं बार मिल सकती है राहत

इससे पहले वित्त वर्ष 24 की अंतिम बैठक में एमपीसी ने रेपो रेट में लगातार छठी बार कोई बदलाव नहीं किया था. इसे 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया था. SBI रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी बाजारों में ढांचागत बदलाव हो रहे हैं, जहां बेरोज़गारी की दर कम होने के साथ-साथ नौकरियों की जगह ज्यादा हैं.

कब लगेगा झटका

रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में महंगाई खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल की वजह से बढ़ रही है. रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है कि वित्त वर्ष 2025 में जमा राशि और क्रेडिट क्रमशः 14.5-15% और 16.0-16.5% तक बढ़ सकते हैं. रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया दरों में कटौती केवल वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में ही कर सकता है.


इनपर होगा फोकस

बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा कि आरबीआई महंगाई के आंकड़ों पर सख्ती से अमल करेगा. केंद्रीय बैंक ने अनुमान लगाया है कि महंगाई केवल दूसरी तिमाही में 5 फीसदी से कम होगी. ऐसे में कोई भी ब्याज दरों के कम होने की उम्मीद कर सकती है बशर्ते कि मानसून की स्थिति ठीक हो. उन्होंने कहा कि महंगाई मानसून के झटकों और ऊंची खाद्य कीमतों से अधिक निर्देशित होगी.

फरवरी की पॉलिसी मीटिंग में आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024 के लिए सीपीआई द्वारा मापी गई महंगाई 5.4 फीसदी और मार्च तिमाही में 5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. अगले वित्त वर्ष में सामान्य मानसून की धारणा पर, आरबीआई को उम्मीद है कि पहली तिमाही में 5 फीसदी, दूसरी तिमाही में 4 फीसदी, तीसरी में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.7 फीसदी रहेगी.

इस सेक्टर को होगा फायदा

नए वित्त वर्ष की पहली मीटिंग से जिस सेक्टर के खुश होने की खबरें सामने आ रही हैं वो कोई और नहीं बल्कि रियल एस्टेट हैं. इस सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट का अनुमान है कि आरबीआई फिर से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा. इसका मतलब है कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई इजाफा नहीं करेगी. वैसे आम लोग इस बात की आस लगाए बैठे हैं कि आखिर उन्हें इस बढ़ी हुई महंगाई से कब निजात मिलेगी.