उत्तर प्रदेश / यूपी के लखनऊ में कोविड-19 से ठीक हो चुकी महिला की म्यूकरमाइकोसिस से हुई मौत

लखनऊ (यूपी) के राम मनोहर लोहिया संस्थान में भर्ती ब्लैक फंगल इन्फेक्शन म्यूकरमाइकोसिस से पीड़ित एक महिला की गुरुवार को मौत हो गई। बतौर रिपोर्ट्स, लखनऊ में इस इन्फेक्शन से होने वाली यह पहली मौत है। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विक्रम सिंह ने बताया कि महिला करीब एक माह पहले कोविड-19 पॉज़िटिव हुई थी और वह ठीक भी हो गई थी।

Vikrant Shekhawat : May 14, 2021, 01:38 PM
लखनऊ: कोरोना संग ब्लैक फंगस हमलावर हो गया है। कोरोना को हरा चुके बड़ी संख्या में लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आ चुके हैं। फंगस की चपेट में आई महिला मरीज की मौत हो गई है। महिला का इलाज लोहिया संस्थान में चल रहा था। यूपी में ब्लैक फंगस संक्रमित पहली मरीज की मौत है।

सोमवार को आंख व नाक के पास सूजन के बाद महिला को लोहिया संस्थान में भर्ती कराया गया था। इमरजेंसी में डॉक्टरों की टीम ने महिला को देखा। डॉक्टरों ने लक्षणों के आधार पर ब्लैक फंगस की आशंका जाहिर की। सीटी स्कैन जांच कराने का फैसला किया। सीटी स्कैन की जांच रिपोर्ट आई। जिसमें फंगस नजर आया। डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया। इलाज के बावजूद महिला की हालत में सुधार नहीं हुआ। इसके बाद फंगस की कलचर जांच कराने की तैयारी हुई। जांच से पहले ही बुधवार को महिला मरीज की मौत हो गई। परिवारीजनों ने डॉक्टरों को बताया कि मरीज कोरोना पॉजिटिव हुई थीं। इलाज के बाद कोरोना नेगेटिव हो गई थीं। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह के मुताबिक महिला गंभीर अवस्था में भर्ती कराई गई थीं। डॉक्टरों ने बचाने की कोशिश की थी।

मौत से दहशत

पहले ब्लैक फंगस से पीड़ित साल में एक या दो मरीज सामने आते थे। यह बीमारी डायबिटीज व दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ितों में पाई जाती थी। कोविड में यह फंगस काफी देखने को मिल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक ऑक्सीजन लगने वाले मरीजों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है। स्टराइड की अधिक डोज लेने वालों में भी फंगस आसानी से पनप रहा है। कोरोना के ठीक होने के 14 से 15 दिन बाद यह परेशानी सामने आती है।

ब्लैक फंगस मरीज अलग भर्ती होंगे

स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट किया है। डॉ. डीएस नेगी ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों की समय पर पहचान की जाए। लक्षण नजर आने पर मेडिकल कॉलेज या फिर लेवल तीन के अस्पतालों में रेफर किया जाए। मेडिकल कॉलेजों में अलग से वार्ड बनाकर भर्ती करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में ईएनटी, सर्जरी समेत दूसरे विभागों के विशेषज्ञ रहते हैं। लिहाजा वहां मरीजों को और बेहतर इलाज मिल सकता है। उन्होंने डायबिटीज मरीजों को संजीदा रहने की सलाह दी है। कहा डायबिटीज मरीज शुगर के प्रबंधन पर ध्यान दें। समय-समय पर जांच करें। यदि कोरोना की चपेट में आ गए हैं तो स्टराइड डॉक्टर की सलाह पर ही लें। ऑक्सीजन लगाते समय उसमें पानी साफ होना चाहिए।

ब्लैक फंगस का प्रकोप बढ़ने के साथ ही अस्पतालों ने तैयारियां तेज कर दी है। फंगस की चपेट में आए मरीजों को अलग वार्ड में रखा जाएगा। हालांकि यह एक से दूसरे में नहीं फैलता है। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक आठ बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक गांधी वार्ड में ब्लैक फंगस पीड़ितों को भर्ती करने का इंतजाम किया गया है।