Iran Capital Punishment / 1 दिन में 11 लोगों को फांसी... ईरान का फिर सामने आया क्रूर चेहरा

ईरान ने रविवार को 11 कैदियों को फांसी पर चढ़ा दिया, जिनमें से सात को यज़्द और चार को जाहेदान जेल में फांसी दी गई। मानवाधिकार समूहों ने इस क्रूर कदम की निंदा करते हुए ईरान सरकार पर सवाल उठाए। इस हफ्ते अब तक 34 लोगों को फांसी दी गई है।

Vikrant Shekhawat : Dec 16, 2024, 03:40 PM
Iran Capital Punishment: ईरान सरकार का एक बार फिर क्रूर चेहरा सामने आया है। रविवार को देश ने 11 कैदियों को फांसी पर चढ़ा दिया, जिनमें से सात को यज़्द सेंट्रल जेल और चार को जाहेदान सेंट्रल जेल में फांसी दी गई। इन कैदियों पर हत्या और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों का आरोप था।

मानव अधिकार संगठनों ने इस कदम की आलोचना की है और ईरान की न्यायिक प्रणाली पर सवाल उठाए हैं। नार्वे के हेंगाव और ईरान के हाल्वश समूह ने इस घटना की जानकारी दी, जिसके बाद बांगलादेश और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं।

34 कैदियों को फांसी, राजनीतिक कैदी को एकांत में रखा गया

इस हफ्ते के चार दिनों में, ईरान की जेलों में कम से कम 34 कैदियों को फांसी दी गई। इनमें से एक राजनीतिक कैदी, समन मोहम्मदी-खियारेह को करज के घेज़ेल हेसर जेल में एकांत सेल में भेजा गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि उन्हें भी जल्द ही फांसी दी जा सकती है। मोहम्मदी-खियारेह पर 'ईश्वर के विरुद्ध युद्ध छेड़ने' और 'शासन-विरोधी समूहों की सदस्यता' का आरोप था, जिसके बाद उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।

ईरान: फांसी का सबसे बड़ा प्रयोक्ता

अमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में 55 देशों में फांसी की सजा का प्रावधान है। 2022 में दुनिया भर में सबसे ज्यादा फांसी की सजा चीन ने दी, उसके बाद ईरान, सऊदी अरब, मिस्र और अमेरिका का नंबर है। सऊदी और ईरान जैसे देशों में सार्वजनिक फांसी का भी प्रावधान है, जो मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा जाता है।

मानवाधिकार संगठनों का विरोध

मानवाधिकार संगठन लंबे समय से फांसी जैसी सजा के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और इस क्रूर दंड को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह दंड न केवल असंवैधानिक है, बल्कि यह किसी भी न्यायिक प्रणाली के लिए एक काले धब्बे के समान है।

ईरान की सरकार द्वारा दी जा रही फांसी की सजा और राजनीतिक कैदियों के साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार को लेकर दुनिया भर में गहरी चिंता जताई जा रही है।