Vikrant Shekhawat : Aug 11, 2021, 07:49 AM
नई दिल्ली: लोकसभा में मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ओबीसी आरक्षण की सूची तैयार करने का अधिकार देने वाला बिल ध्वनिमत से पारित हो गया. लोकसभा में 385 सदस्यों ने इसके समर्थन में मतदान किया. सदन में किसी भी सदस्य ने इस बिल का विरोध नहीं किया. विधेयक पारित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.कांग्रेस ने भी दिया पूरा समर्थन बहस की शुरुआत करते हुए, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बिल को अपनी पार्टी का पूरा समर्थन दिया, लेकिन 2018 के संशोधन के लिए सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सरकार ने विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सुझाव डाला होता, तो आज की स्थिति उत्पन्न नहीं होती. उन्होंने कहा, “आपने 2018 में 102 संविधान संशोधन विधेयक लाकर संविधान में बदलाव किया, जिससे लोगों को अदालत जाने का मौका मिला और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की शक्ति को हटा दिया.”सरकार ने कहा कि लगभग 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है, जबकि शेष राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के कार्यान्वयन के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने लोकसभा में कहा उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र, मिजोरम, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, गोवा, असम, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू किया है.