Ram Mandir News / 4 फीट की चाबी के साथ 400 किलो का ताला, जानें किसने बनाया राम मंदिर का ताला

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के लिए अलीगढ़ के एक कारीगर ने 400 किलो का ताला बनाया है. इस ताले को बनाने वाले कारीगर का नाम सत्य प्रकाश शर्मा है. ये ताला दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से बना हुआ ताला बताया जा रहा है. शर्मा इस साल के अंत तक राम मंदिर प्रबंधन को ये ताला उपहार में देने की योजना बना रहे हैं. इस ताले के बारे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने कहा कि ये देखना होगा कि

Vikrant Shekhawat : Aug 06, 2023, 06:41 PM
Ram Mandir News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर के लिए अलीगढ़ के एक कारीगर ने 400 किलो का ताला बनाया है. इस ताले को बनाने वाले कारीगर का नाम सत्य प्रकाश शर्मा है. ये ताला दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से बना हुआ ताला बताया जा रहा है. शर्मा इस साल के अंत तक राम मंदिर प्रबंधन को ये ताला उपहार में देने की योजना बना रहे हैं. इस ताले के बारे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने कहा कि ये देखना होगा कि 400 किलो के ताले का उपयोग कहां किया जा सकता है. शर्मा के पूर्वज एक सदी से भी अधिक समय से हस्तनिर्मित ताला बना रहे हैं. वो खुद 45 सालों से अधिक समय से तालों को पीटने और चमकाने का काम कर रहे हैं. शर्मा ने बताया कि चार फीट की चाबी से खुलने वाला ये ताला उन्होंने राम मंदिर को ध्यान में रखते हुए बनाया है.

ताले की क्या है खासियत

इस ताले की बात करें तो ये 10 फीट ऊंचा, 4.5 फीट चौड़ा और 9.5 इंच मोटा है. साल की शुरुआत में भी इस ताले को अलीगढ़ में हुई वार्षिक प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया था. अब शर्मा इस ताले में मामूली संशोधन करने और इसकी सजावट में लगे हुए हैं. वो नहीं चाहते कि इसमें कोई कमी हो. इस ताले को बनाने में सत्य प्रकाश शर्मा की पत्नी रुक्मिणी देवी ने उनका भरपूर साथ दिया.

ताले को बनाने में कितना खर्च आया?

सत्य प्रकाश शर्मा की पत्नी ने बताया कि पहले हमने छह फीट लंबा और तीन फीट चौड़ा ताला बनाया था. लेकिन कुछ लोगों ने हमें बड़ा ताला बनाने का सुझाव दिया. इसके बाद हमने इस पर काम करना शुरू किया. शर्मा के मुताबिक इस ताले को बनाने में करीब 2 लाख रुपये की लागत आई है. मैंने राम मंदिर के लिए एक विशाल ताला बनाने के बारे में सोचा क्योंकि हमारा शहर तालों के लिए जाना जाता है और इससे पहले किसी ने भी ऐसा कुछ नहीं किया है. इसे बनाने के लिए मैंने अपने जीवन की सारी बचत लगा दी.