कोरोना अलर्ट / भारत के पड़ोस में मिले 6 नए तरह के कोरोना, खतरे पर हो रही है रिसर्च

कोरोना वायरस की तबाही के बीच वैज्ञानिकों ने छह नए कोरोना वायरस की खोज की है। ये सभी नए कोरोना वायरस उसी परिवार से हैं, जिस परिवार का कोरोना वायरस कोविड-19 है। लेकिन नए कोरोनावायरस का जेनेटिकल मॉडल कोविड-19 से अलग है। ये सभी कोरोना वायरस भारत के पड़ोसी देश म्यांमार के चमगादड़ों में खोजे गए हैं।

AajTak : Apr 15, 2020, 01:03 PM
कोरोना वायरस की तबाही के बीच वैज्ञानिकों ने छह नए कोरोना वायरस की खोज की है। ये सभी नए कोरोना वायरस उसी परिवार से हैं, जिस परिवार का कोरोना वायरस कोविड-19 है। लेकिन नए कोरोनावायरस का जेनेटिकल मॉडल कोविड-19 से अलग है। ये सभी कोरोना वायरस भारत के पड़ोसी देश म्यांमार के चमगादड़ों में खोजे गए हैं। 

कोरोना वायरस परिवार के ये छह नए सदस्य म्यांमार में पाए जाने वाली तीन प्रजातियों के चमगादड़ों में मिले हैं। चमगादड़ों की ये प्रजातियां हैं- ग्रेट एशियाटिक यलो हाउस बैट, रिंकल-लिप्ड फ्री टेल्ड बैट और हॉर्सफील्ड लीफ-नोज्ड बैट। 

इन छह नए कोरोना वायरस को खोजा है स्मिथसोनियन ग्लोबल हेल्थ प्रोग्राम के वैज्ञानिक मार्क वलिटूटो और उनकी टीम ने। वैज्ञानिकों की इस टीम के मुताबिक ये नए कोरोना वायरस है तो कोविड-19 के परिवार के ही। लेकिन इनके जेनेटेकिल मॉडल में अंतर हैं। 

वैज्ञानिकों की टीम अभी यह पता कर रही है कि ये छह नए कोरोना वायरस क्या इंसानों को उतना ही नुकसान पहुंचा सकते हैं, जितना कोविड-19 ने पहुंचाया है। 

इस टीम ने म्यामांर में चमगादड़ों की 11 प्रजातियों का अध्ययन किया। इनमें से तीन प्रजातियों में ये 6 वायरस मिले हैं। इन वायरसों के नाम हैं- Predict-CoV-90 (एशियाटिक यलो हाउस बैट में मिला), Predict-CoV-47 और Predict-CoV-82 (रिंकल-लिप्ड फ्री टेल्ड बैट में मिले) और Predict-CoV-92, 93 और 96 (लीफ-नोज्ड बैट में मिले)।

इन वायरसों की खोज के लिए वैज्ञानिकों की इस टीम ने मई 2016 से अगस्त 2018 तक म्यामांर के जंगलों, शहरों, ऐतिहासिक इमारतों की खाक छानी। तब जाकर 750 सैंपल जुटाए। 

फिर इन सभी सैंपल्स का पुराने कोरोना वायरसों के साथ मिलान किया गया। तब पता चला कि छह नए कोरोना वायरस मिले हैं। स्मथसोनियन ग्लोबल हेल्थ प्रोग्राम की दूसरी वैज्ञानिक सुजैन मरे ने बताया कि सारे कोरोना वायरस खतरनाक नहीं होते, लेकिन ये अध्ययन के लिए जरूरी होते हैं। 

सुजैन ने बताया कि जब तक इंसानों और चमगादड़ों का संपर्क ज्यादा रहेगा। तब तक इस तरह की महामारियों की आशंका बनी रहेगी। बेहतर होगा कि हम इंसान वन्यजीवों को जंगलों में ही रहने दें, उन्हें परेशान न करें। 

गौरतलब है कि कोरोना वायरस कोविड-19 यानी SARS-CoV-2 की वजह से पूरी दुनिया में इस वक्त 19।82 लाख से ज्यादा लोग बीमार है। जबकि, 1।26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। म्यांमार में कोरोना वायरस से 63 लोग बीमार है और 4 लोगों की मौत हो चुकी है।