New Parliament / संसद भवन के उद्घाटन का 8 दलों ने बॉयकॉट किया- संजय राउत बोले- विपक्ष पूरा विरोध में

28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। विपक्ष की कुल 9 पार्टियों ने कार्यक्रम का बॉयकॉट करते हुए इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इनमें ममता बनर्जी की TMC, अरविंद केजरीवाल की (AAP), एनसीपी, डीएमके, लालू प्रसाद यादव की RJD, शिवसेना (उद्धव गुट), सीपीआई, CPI(M) और VCK शामिल है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इस कार्यक्रम शामिल होने या न होने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है।

Vikrant Shekhawat : May 24, 2023, 12:03 PM
New Parliament: 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। विपक्ष की कुल 9 पार्टियों ने कार्यक्रम का बॉयकॉट करते हुए इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया है। इनमें ममता बनर्जी की TMC, अरविंद केजरीवाल की (AAP), एनसीपी, डीएमके, लालू प्रसाद यादव की RJD, शिवसेना (उद्धव गुट), सीपीआई, CPI(M) और VCK शामिल है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इस कार्यक्रम शामिल होने या न होने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। राहुल गांधी और मल्लकार्जुन खड़गे पहले ही कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से करवाने की मांग कर चुके हैं। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR की पार्टी BRS ने गुरुवार को फैसले की जानकारी देने की बात कही है।

राहुल बोले- नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति करें, PM नहीं

21 मई को राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा- संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कांग्रेस ने कहा- 28 मई को हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की जयंती है। इसी दिन नए संसद भवन का उद्घाटन करना राष्ट्र निर्माताओं का अपमान है। पूरी खबर पढ़ें...

खड़गे बोले- प्रेसिडेंट देश की पहली नागरिक, उन्हें उद्घाटन करना चाहिए 22 मई को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ना बुलाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा- ऐसा लगता है कि मोदी सरकार सिर्फ चुनावी फायदा उठाने के लिए दलित और आदिवासी समुदाय से राष्ट्रपति बनाती है। वे देश की पहली नागरिक हैं। 

संजय राउत बोले- सब PM के लिए हो रहा, यह पॉलिटिकल इवेंट

संजय राउत ने बुधवार को कहा- हमारी संसद ऐतिहासिक है। यह अभी सौ साल चल सकती है। इसे बनाने में RSS और भाजपा का कोई हाथ नहीं है। अब नई इमारत बनाकर उसमें शिला लगाई जाएगी कि इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने किया है। इसी के लिए इतना खर्चा हो रहा है। चलो ये भी ठीक है।

लेकिन राष्ट्रपति जो इस देश की प्रमुख हैं। आदिवासी महिला हैं। पार्लियामेंट की कस्टोडियन हैं। आप उनको नहीं बुला रहे। उनके हाथों से नए संसद भवन का उद्धाटन कराना तो प्रोटोकॉल है। लेकिन आप नहीं कर रहे हैं। क्योंकि आप प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन करवाकर एक पॉलिटिकल इवेंट कर रहे हैं। इसलिए सभी विपक्षी पार्टियों ने तय किया है कि हम इसमें नहीं जाएंगे।

TMC सांसद डेरेक बोलें- यह राष्ट्रपति का अपमान

TMC सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी संसद की नई बिल्डिंग का राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन नहीं करने पर उनका अपमान बताया। ब्रायन ने कहा, यह भारत के दलित आदिवासी और वंचित समाज का अपमान है। उन्होंने आगे कहा, संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है, यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों और भारतीय लोकतंत्र की नींव है। पीएम मोदी के लिए बिल्डिंग का इनॉगरेशन सिर्फ उनके लिए है, हमारे लिए नहीं।

AAP और CPI ने क्या कहा

आप नेता संजय सिंह ने कहा, AAP भी इनऑग्रेशन का बॉयकाट करेगी। क्योंकि पीएम ने राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया। CPI नेता डी राजा ने भी कहा कि उनकी पार्टी उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। CPI(M) ने भी इस समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

862 करोड़ रुपए में तैयार हुआ

862 करोड़ रुपए में बने नए संसद भवन का काम पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर 2020 को इसकी आधारशिला रखी थी। नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनी ये बिल्डिंग प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसे 28 महीने में बनाया गया।

4 मंजिला बिल्डिंग, भूकंप का असर नहीं

पुराना संसद भवन 47 हजार 500 वर्गमीटर में है, जबकि नई बिल्डिंग 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बनाई गई है। यानी पुराने से नया भवन 17 हजार वर्ग मीटर बड़ा है। नया संसद भवन 4 मंजिला है। इसमें 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है। सांसदों और VIPs के लिए अलग एंट्री है। इस पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसका डिजाइन HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसके आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं।

नई संसद की खासियत

अभी लोकसभा में 590 लोगों की सीटिंग कैपेसिटी है। नई लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है।

अभी राज्यसभा में 280 की सीटिंग कैपेसिटी है। नई राज्यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोग बैठ सकेंगे।

लोकसभा में इतनी जगह होगी कि दोनों सदनों के जॉइंट सेशन के वक्त लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद साथ बैठ सकेंगे।

संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा है।

कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं।

कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।

क्यों बनाई गई नई बिल्डिंग

मौजूदा संसद भवन को 96 साल पहले 1927 में बनाया गया था। मार्च 2020 में सरकार ने संसद को बताया था कि पुरानी बिल्डिंग ओवर यूटिलाइज्ड हो चुकी है और खराब हो रही है। इसके साथ ही लोकसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन के बाद जो सीटें बढ़ेंगीं, उनके सांसदों के बैठने के लिए पुरानी बिल्डिंग में पर्याप्त जगह नहीं है। इसी वजह से नई बिल्डिंग बनाई जा रही है।

जनवरी 2021 में शुरू हुआ था निर्माण

तिकोने आकार के नए संसद भवन का निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। इस बिल्डिंग को पिछले साल नवंबर में पूरा हो जाना था। पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। तब उन्होंने कहा था कि संसद की नई बिल्डिंग से अधिक सुंदर कुछ नहीं हो सकता, जब भारत अपनी आजादी के 75 साल मनाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर 2022 को शाम 8 बजे इंडिया गेट के सामने कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया। वे शाम 7 बजे कर्तव्य पथ पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया। 19 महीने तक लगातार चले काम के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू बनकर तैयार हुआ है।

लुटियंस जोन, दिल्ली का सबसे पॉश इलाका। देश का पावर कॉरिडोर। इंडिया गेट, संसद भवन, PMO, राष्ट्रपति भवन, मिनिस्ट्री ऑफिस… सब कुछ यहीं, इसी इलाके में है। यही है सेंट्रल विस्टा एवेन्यू। जैसे ही आप इंडिया गेट के सामने पहुंचेंगे, 3.2 किमी लंबा भव्य 'कर्तव्य पथ' दिखाई देगा। ये इंडिया गेट से शुरू होकर राष्ट्रपति भवन तक जाता है।

दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट और पुरी में जगन्नाथ मंदिर की मास्टर प्लानिंग- भारत के कल्चरल और अरबन लैंडस्केप के ये सभी सिंबल्स भले ही देश के अलग-अलग कोनों में स्थित हैं, लेकिन इनके मास्टर आर्किटेक्ट एक ही हैं-