Jansatta : Sep 08, 2019, 10:39 PM
एक कश्मीरी शख्स ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चीफ डॉ. के सिवन को चिट्ठी लिखकर अपने दर्द को उनके दर्द जैसा बताया है। ‘द क्विंट’ पर छपी फैजान बुखारी की चिट्ठी के मुताबिक एक महीने से जो दर्द वो झेल रहे हैं, वैसा ही दर्द के सिवन इन दिनों महसूस कर रहे हैं। बुखारी ने लिखा है, “डॉ. सिवन महीने भर पहले मैंने भी अपने चांद (मां) से संपर्क खो दिया है और कई हफ्ते होने के बावजूद उनसे बात नहीं कर पाने की वजह से बेचैनी महसूस कर रहा हूं। एक कश्मीरी होने के नाते मैं आपके दर्द को समझता हूं जिसे आप 6-7 सितंबर की दरम्यानी रात से झेल रहे हैं, जब चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से आपका संपर्क टूट गया है।”
अपनी चिट्ठी में बुखारी ने चंद्रयान मिशन की जबरदस्त उपलब्धि पर इसरो चीफ को बधाई दी है और लिखा है कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए आपने और इसरो के वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत की लेकिन दुर्भाग्य से लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया। बुखारी ने लिखा, “डॉ. सिवन, मुझे मालूम है कि आप अपने देश को बुलंदी पर पहुंचाना चाहते थे। ऐसा कौन नहीं चाहेगा? मैं यह भी जानता हूं कि जब आप किसी के इतने करीब हों और जब उससे संपर्क टूट जाए तो यह कितना तकलीफदेह और दर्दभरा होता है। मैंने भी एक महीने पहले अपने चांद (यानी मेरी मां) से अपना संपर्क खो दिया है। वह जम्मू-कश्मीर के बडगाम में रहती हैं। कई हफ्ते से मैं उनसे बात नहीं कर सका हूं।”फैजान बुखारी ने चिट्ठी में लिखा है, “डॉ. सिवन आप महान वैज्ञानिक हैं और आप जानते हैं कि चीजों को कैसे संभाला जाता है, फिर भी आप पीएम मोदी के सामने रो पड़े। मुझे पता है कि जब कोई आपके दिल के करीब हो और उससे संपर्क टूट जाए तो दर्द होता है लेकिन सर आप भाग्यशाली हैं कि प्रधानमंत्री ने आपको गले लगाया और आपके दर्द को साझा किया। साथ ही सबकुछ भला होगा इसका ढाढ़स भी बंधाया। आप मेरी तरफ देखिए, कितना बदनसीब हूं। एक महीने से ज्यादा हो गया, मेरा अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं हो सका, फिर भी कोई मुझे दिलासा देने, भरोसा दिलाने नहीं आया।”बुखारी ने लिखा है कि मुझे ऐसा लगता है कि लैंडर विक्रम से जल्द आपका संपर्क हो जाएगा लेकिन मुझे मेरे परिवार से मिलने की संभावना काफी कम लग रही है। बुखारी ने लिखा है कि ऐसे दर्द में तकलीफ और तब बढ़ जाती है, जब आपका हमवतन भी आपसे मुंह मोड़ लेता है। आपके दर्द और तकलीफ के प्रति उसकी कोई सहानुभूति नहीं रह जाती। बुखारी ने लिखा, सर, मैं फिर कहना चाहता हूं कि आप लकी हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर भी आपको ढाढ़स बंधाने वालों की बाढ़ सी आई हुई है लेकिन एक महीने होने के बावजूद मैं यहां अकेला बैठा हूं। आपको चिट्ठी लिख रहा हूं।”
अपनी चिट्ठी में बुखारी ने चंद्रयान मिशन की जबरदस्त उपलब्धि पर इसरो चीफ को बधाई दी है और लिखा है कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए आपने और इसरो के वैज्ञानिकों ने काफी मेहनत की लेकिन दुर्भाग्य से लैंडर विक्रम का संपर्क टूट गया। बुखारी ने लिखा, “डॉ. सिवन, मुझे मालूम है कि आप अपने देश को बुलंदी पर पहुंचाना चाहते थे। ऐसा कौन नहीं चाहेगा? मैं यह भी जानता हूं कि जब आप किसी के इतने करीब हों और जब उससे संपर्क टूट जाए तो यह कितना तकलीफदेह और दर्दभरा होता है। मैंने भी एक महीने पहले अपने चांद (यानी मेरी मां) से अपना संपर्क खो दिया है। वह जम्मू-कश्मीर के बडगाम में रहती हैं। कई हफ्ते से मैं उनसे बात नहीं कर सका हूं।”फैजान बुखारी ने चिट्ठी में लिखा है, “डॉ. सिवन आप महान वैज्ञानिक हैं और आप जानते हैं कि चीजों को कैसे संभाला जाता है, फिर भी आप पीएम मोदी के सामने रो पड़े। मुझे पता है कि जब कोई आपके दिल के करीब हो और उससे संपर्क टूट जाए तो दर्द होता है लेकिन सर आप भाग्यशाली हैं कि प्रधानमंत्री ने आपको गले लगाया और आपके दर्द को साझा किया। साथ ही सबकुछ भला होगा इसका ढाढ़स भी बंधाया। आप मेरी तरफ देखिए, कितना बदनसीब हूं। एक महीने से ज्यादा हो गया, मेरा अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं हो सका, फिर भी कोई मुझे दिलासा देने, भरोसा दिलाने नहीं आया।”बुखारी ने लिखा है कि मुझे ऐसा लगता है कि लैंडर विक्रम से जल्द आपका संपर्क हो जाएगा लेकिन मुझे मेरे परिवार से मिलने की संभावना काफी कम लग रही है। बुखारी ने लिखा है कि ऐसे दर्द में तकलीफ और तब बढ़ जाती है, जब आपका हमवतन भी आपसे मुंह मोड़ लेता है। आपके दर्द और तकलीफ के प्रति उसकी कोई सहानुभूति नहीं रह जाती। बुखारी ने लिखा, सर, मैं फिर कहना चाहता हूं कि आप लकी हैं क्योंकि सोशल मीडिया पर भी आपको ढाढ़स बंधाने वालों की बाढ़ सी आई हुई है लेकिन एक महीने होने के बावजूद मैं यहां अकेला बैठा हूं। आपको चिट्ठी लिख रहा हूं।”