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- 27-Sep-2023 06:36 PM IST
ISRO Venus Mission: चांद, सूरज के बाद अब ISRO की नजर शुक्र पर है. वो शुक्र ग्रह पर यान भेजने की तैयारी कर रहा है. इसरो अपने इस मिशन के लिए पेलोड विकसित कर चुका है और मिशन शुक्र जल्द शुरू हो सकता है. ISRO चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि हमारे पास अवधारणा के चरण में बहुत सारे मिशन हैं. शुक्र ग्रह के लिए एक मिशन पहले से ही आकार ले चुका है. इसके लिए पेलोड पहले ही विकसित हो चुके हैं. इसरो शुक्र एक दिलचस्प ग्रह है. शुक्र ग्रह पर भी वायुमंडल है. इसका वातावरण बहुत सघन है. वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी से 100 गुना अधिक है और एसिड से भरा है.इसरो को शुक्र ग्रह को लेकर इतनी दिलचस्पी क्यों है. इसरो क्यों मिशन शुक्र लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. दरअसल शुक्र ग्रह पृथ्वी का निकटतम पड़ोसी है. शुक्र को अक्सर पृथ्वी का जुड़वां कहा जाता है. पृथ्वी और शुक्र के आकार और घनत्व में समानता है. शुक्र ग्रह का वातावरण पृथ्वी की तुलना में लगभग 90 गुना घना है.अब आपको बताते हैं कि इसरो के मिशन शुक्र से क्या हासिल होगा.-शुक्र ग्रह के वायुमंडल के रसायन की स्टडी -शुक्र की संरचनात्मक विविधताओं पर रिसर्च -शुक्र पर सूर्य की किरणों के प्रभावों की स्टडी – शुक्र पर मौजूद एसिड पर रिसर्चशुक्र ग्रह पर सिर्फ इसरो की ही नजर नहीं है, बल्कि दुनिया की कुछ और स्पेस एजेंसियां जो उस पर रिसर्च करना चाहती हैं. यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने 2006 में मिशन शुक्र लॉन्च किया था. जापान का अकात्सुकी वीनस क्लाइमेट ऑर्बिटर 2016 से परिक्रमा कर रहा है. नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने शुक्र ग्रह के कई चक्कर लगाए हैं.आसान नहीं है मिशन शुक्रइसरो के लिए मिशन शुक्र आसान नहीं है. वैज्ञानिकों का कहना है कि शुक्र ग्रह को पेचीदा माना जाता है. दरअसल शुक्र की सतह की संरचना भी ठीक से ज्ञात नहीं है. यहां महज 60 किमी की ऊंचाई पर घने बादल होते हैं. इसे सल्फयूरिक एसिड कहा जाता है. ग्रह धीमी गति से घूमता है, लेकिन वहां हवा तेज बहती है. शुक्र को सबसे गर्म ग्रह माना जाता है क्योंकि ये सूर्य के सबसे नजदीक है.