Farmer Protest / सरकार के सामने अड़े अन्नदाता- इन तीन मांगों को लेकर नहीं बनी बात

अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान नेता आज यानी मंगलवार सुबह 10 बजे से दिल्ली कूच करेंगे. कल चंडीगढ़ में देर रात किसान नेताओं को मनाने की कोशिश नाकाम रही. एमएसपी गारंटी, कर्ज माफी, स्वामीनाथन रिपोर्ट जैसी मांगों पर किसान अड़े हैं. मीटिंग के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार सिर्फ समय निकालना चाहती है. किसानों की मांगों पर सीरियस नहीं है. किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि सरकार कॉरपोरेट घरानों के

Vikrant Shekhawat : Feb 13, 2024, 11:00 AM
Farmer Protest: अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान नेता आज यानी मंगलवार सुबह 10 बजे से दिल्ली कूच करेंगे. कल चंडीगढ़ में देर रात किसान नेताओं को मनाने की कोशिश नाकाम रही. एमएसपी गारंटी, कर्ज माफी, स्वामीनाथन रिपोर्ट जैसी मांगों पर किसान अड़े हैं. मीटिंग के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सरकार सिर्फ समय निकालना चाहती है. किसानों की मांगों पर सीरियस नहीं है. किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा कि सरकार कॉरपोरेट घरानों के कर्जे तो माफ कर देती है..लेकिन किसानों की बात नहीं मानती है..

वहीं सरकार की ओर से बातचीत करने वाले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश के किसानों के हितों की चिंता सरकार को है. किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अड़ी हुई है. सरकार पुरानी बातों पर ही कायम है. दिल्ली जाना अब किसानों की मजबूर है.

किसानों की मांगें क्या है?

1. स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश को लागू किया जाए

किसानों की सबसे बड़ी मांग है कि उन्हें सभी फसलों पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी दिया जाए. स्वामीनाथन कमेटी में एमएसपी को औसत लागत से 50 फीसदी ज्यादा रखने की सिफारिश की गई थी ताकि छोटे किसानों को फसल का सही मुआवजा मिल सके.

2. किसानों, मजदूरों की कर्ज माफी

दिल्ली कूच करने वाले किसानों नेताओं की इस बार सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें.

3. लखीमपुर खीरी हत्या केस में न्याय

किसान नेता चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें. लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की मांग कर रहे हैं.

4. किसानों,मजदूरों के लिए पेंशन

किसानों-खेतिहर मजदूरों को पेंशन देना किसानों की एक प्रमुख मांग है. किसान चाहते हैं कि 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दिया जाए.

5. कृषि वस्तुओं आयात शुल्क कम करना

कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाया जाए.

6. शिक्षा- स्वास्थ्य क्षेत्र में निजीकरण न हो

इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग शामिल है. नई शिक्षा नीति (2020) को रद्द करने का मुद्दा भी हड़ताल शामिल किया गया है.

7. मनरेगा में हर साल 200 दिन काम

किसान चाहते है कि खेती को मनरेगा से जोड़ा जाए. उन्हें न्यूनतम 700 रुपये हर दिन की दिहाड़ी मिले और साल में 200 दिन न्यूनतम रोजगार दिया जाए. म

एक महीने के लिए धारा 144 लागू

पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से आज सुबह 10 बजे से किसान दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे. इधर दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को रोकने के भारी बंदोबस्त कर लिया है. दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है. पूरे एक महीने तक इसके तहत लगने वाले प्रतिबंध लागू रहेंगे. दिल्ली पुलिस की ओर से सूचना भी जारी की गई है. जिसमें बताया है किसानों के आंदोलन से तनाव, सामाजिक सद्भाव बिगड़ने और हिंसा फैलने की आशंका है.

दिल्ली से लगने वाले सभी बॉर्डर सील

दिल्ली से लगने वाले हरियाणा बॉर्डर समेत सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया है. दिल्ली के सिंधू बॉर्डर से लेकर गाजीपुर बॉर्डर तक नाकेबंदी की गई है. सिंधू बॉर्डर पर कंटीले चारों से फेंसिंग के साथ सीमेंट के भारी भरकम ब्लॉक्स लगाए गए हैं. कुरुक्षेत्र बॉर्डर पर पांच लेयर की बैरिकेंडिंग की गई है. टिकरी बॉर्डर पर भी कड़ा पहरा है.

किन चीजों पर होगी रोक?

दिल्ली पुलिस के मुताबिक जाम करने, रास्ता रोकने और रैली करने पर रोक लगी रहेगी. ट्रैक्टर ट्रॉली के घुसने की भी इजाजत नहीं होगी. दिल्ली की सभी सीमाओं पर सुरक्षा जांच अनिवार्य कर दिया है. भड़काऊ नारे और पोस्टर लगाने पर प्रतिबंध रहेगा. लाठी डंडों और हथियार से भरे वाहनों को रोका जाएगा. ईंट, पत्थर, एसिड, पेट्रोल जमा करने पर प्रतिबंध है.