उत्तराखंड / कुंभ को कोविड-19 की दूसरी लहर से जोड़ना हिंदुत्व व राष्ट्र के खिलाफ: तीरथ सिंह रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के मुताबिक, कुंभ मेले को कोविड-19 की दूसरी लहर से जोड़ना राष्ट्र-विरोधी और हिंदुत्व-विरोधी है। उन्होंने कहा, "अगर कुंभ सुपर स्प्रेडर था...तो फिर केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर में इतने सारे कोविड के मामले क्यों आए...वहां तो कोई कुंभ नहीं था।" बकौल तीरथ, उत्तराखंड में ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नहीं हुई।

Vikrant Shekhawat : Jul 23, 2021, 06:19 PM
नई दिल्ली: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का कहना है कि यह धारणा कि कुंभ मेले के कारण कोविड की दूसरी लहर आई राष्ट्र-विरोधी और हिंदुत्व-विरोधी है. ज्ञात हो कि हिंदू धर्म के इस महाउत्सव का आयोजन तीरथ सिंह रावत की देखरेख में हीं किया गया था.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरुवार को दिप्रिंट को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, अगर कुंभ एक सुपर स्प्रेडर इवेंट था, तो फिर केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, दिल्ली-एनसीआर में इतने सारे कोविड के मामले क्यों आये थे? वहां तो कोई कुंभ नहीं था.

रावत, जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री का पद छोड़ दिया था, ने कहा कि कुंभ को कोविड के साथ जोड़ना कुछ लोगों द्वारा रची गई साजिश थी और ये वही लोग हैं जो शुरू से ही इस देश के खिलाफ और हिंदुत्व के खिलाफ रहे हैं.

रावत ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह कुंभ मेले को बुरा-भला कहने और इसे बदनाम करने की एक योजना थी. हालांकि, एक सर्वेक्षण से पता चला है कि उत्तराखंड में दो-तिहाई (68 प्रतिशत) लोगों ने कुंभ के आयोजन को गलत और गैर-जिम्मेदाराना माना है.

रावत ने कहा, कुंभ की दूसरी लहर के चरम पर भी हरिद्वार में कोविड के मामले देहरादून और राज्य के अन्य स्थानों की तुलना में बहुत कम थे. यहां, मामले तभी बढ़े जब प्रवासियों ने राज्य में वापस आना शुरू किया.

उन्होंने यह भी दावा किया कि उत्तराखंड में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई भी मौत नहीं हुई. हालांकि राज्य के एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण पांच कोविड रोगियों की मौत हो गई थी.

मई माह के मध्य तक राज्य ने आधिकारिक रूप से 2.64 लाख से भी अधिक सक्रिय कोविड मामलों की सूचना दी. हालांकि इस बारे में रावत का कहना है कि उनके राज्य ने राष्ट्रीय राजधानी से भी बेहतर प्रदर्शन किया है.

उन्होंने कहा, उत्तराखंड से दिल्ली में ऑक्सीजन ले जाई गई थी. केजरीवाल ने हमसे ऑक्सीजन मांगी थी. राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी.