Vikrant Shekhawat : Sep 25, 2020, 11:49 PM
Jaipur | Rajasthan की कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए दीवाली से पहले राहत का बड़ा पिटारा खोल दिया है। केन्द्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध के बीच में सूबे की गहलोत सरकार की ओर हुई किसानों को राहत देने वाली चार बड़ी घोषणाओं के जरिए प्रदेश कांग्रेस ने सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर प्रदेश की जनता से यह खुशी साझा की। डोटासरा ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार किसान विरोधी लाकर किसानों के ईमान को गिरवी रखना चाहती हैं। दूसरी तरफ किसानों की हितेषी कांग्रेस सरकार ने एक साथ चार बड़े फैसले लेकर केन्द्र सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो कहती है वह निश्चित समय में करके भी दिखाती है। कांग्रेस सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी मांग वीसीआर के मामले में 70 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौत समिति में प्रकरण दर्ज होने की अनिवार्यता को हटा दिया है। अब प्रदेश के किसान महज 20 फीसदी राशि जमा कराकर अपने बिजली चोरी के मामले को समझौता समिति में ले जा सकेंगे। इसके अलावा कृषि कनेक्शन, स्वैच्छिक भार वृद्धि व कोरोनाकाल में बिलंब शुल्क की छूट सहित अन्य फैसले लिए है। डोटासरा ने बताया कि सभी फैसले प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में लागू होंगे।कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के किसानों को यह दी सौगात
1. वीसीआर मामले में अब नहीं जमा करानी होगी 70 फीसदी राशि
प्रदेश के किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या वीसीआर के मामलों को समझौता समिति में लेकर जाने की आ रही थी। बिजली कंपनियों ने समझौता समिति में मामले को लेकर जाने पर वीसीआर की कुल राशि का 70 फीसदी जमा कराना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने महज 20 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में ही मामला दर्ज कर लिया जाएगा। यह राशि भी किसान सहायक अभियंता कार्यालय में जमा करा सकता है। बिजली कंपनियों को सरकार ने दस दिन में बिजली चोरी के प्रकरणों का समाधान करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा किसान यदि 50 फीसदी राशि एकमुश्त जमा कराता है तो वीसीआर के मामले का पूरी तरह निपटारा कर दिया जाएगा।2. बिल जमा नहीं कराया तो भी राहत:
राज्य सरकार ने कोरोनाकाल में बिल जमा नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं को राहत दी है। ऐसे उपभोक्ता जिनका मासिक उपभोग 50 यूनिट तक है और उन्होंने बिल जमा नहीं कराया तो उनको बिलंब शुल्क की छूट मिलेगी। यह आदेश प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा।3. अब दिसम्बर तक स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना:
प्रदेश के ऐसे किसान जो कोरोना की वजह से अपने कृषि कनेक्शनों का लोड नहीं बढ़वा सके उनको भी कांग्रेस सरकार ने बड़ी राहत है। पहले यह योजना मार्च 2020 तक दी। सरकार ने अब योजना 31 दिसम्बर 2020 तक बढ़ा दी है। इस योजना से भी प्रदेश के हजारों किसानों को फायदा मिलेगा।4. 50 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन
प्रदेश के 50 हजार किसानों को इस साल कृषि कनेक्शन देने का सरकार ने लक्ष्य रखा है। इसके तहत प्रदेश के किसानों को कनेक्शन इसी वित्तिय वर्ष में जारी किए जाएंगे। किसानों के लिए यह भी बड़ी घोषणा है। किसानों को डिमांड नोटिस कृषि कनेक्शन नीति 2017 के तहत जारी किए
1. वीसीआर मामले में अब नहीं जमा करानी होगी 70 फीसदी राशि
प्रदेश के किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या वीसीआर के मामलों को समझौता समिति में लेकर जाने की आ रही थी। बिजली कंपनियों ने समझौता समिति में मामले को लेकर जाने पर वीसीआर की कुल राशि का 70 फीसदी जमा कराना अनिवार्य कर दिया था। लेकिन अब सरकार ने महज 20 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में ही मामला दर्ज कर लिया जाएगा। यह राशि भी किसान सहायक अभियंता कार्यालय में जमा करा सकता है। बिजली कंपनियों को सरकार ने दस दिन में बिजली चोरी के प्रकरणों का समाधान करने के निर्देश दिए है। इसके अलावा किसान यदि 50 फीसदी राशि एकमुश्त जमा कराता है तो वीसीआर के मामले का पूरी तरह निपटारा कर दिया जाएगा।2. बिल जमा नहीं कराया तो भी राहत:
राज्य सरकार ने कोरोनाकाल में बिल जमा नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं को राहत दी है। ऐसे उपभोक्ता जिनका मासिक उपभोग 50 यूनिट तक है और उन्होंने बिल जमा नहीं कराया तो उनको बिलंब शुल्क की छूट मिलेगी। यह आदेश प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा।3. अब दिसम्बर तक स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना:
प्रदेश के ऐसे किसान जो कोरोना की वजह से अपने कृषि कनेक्शनों का लोड नहीं बढ़वा सके उनको भी कांग्रेस सरकार ने बड़ी राहत है। पहले यह योजना मार्च 2020 तक दी। सरकार ने अब योजना 31 दिसम्बर 2020 तक बढ़ा दी है। इस योजना से भी प्रदेश के हजारों किसानों को फायदा मिलेगा।4. 50 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन
प्रदेश के 50 हजार किसानों को इस साल कृषि कनेक्शन देने का सरकार ने लक्ष्य रखा है। इसके तहत प्रदेश के किसानों को कनेक्शन इसी वित्तिय वर्ष में जारी किए जाएंगे। किसानों के लिए यह भी बड़ी घोषणा है। किसानों को डिमांड नोटिस कृषि कनेक्शन नीति 2017 के तहत जारी किए