गहलोत बोले शांति से करें विरोध / गहलोत बोले शांति से करें विरोध—प्रदर्शन, हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक के मुद्दे पर किया जा रहा विरोध—प्रदर्शन शांतिपूर्वक होना चाहिए। हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी। गहलोत ने कहा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जो राष्ट्र के नाम संदेश में अपील की थी और चिंताएं व्यक्त की हैं। जो हालात बन रहे हैं, वो बहुत चिंताजनक हैं.

Vikrant Shekhawat : Dec 21, 2019, 05:15 PM
जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर मीडिया से बात करते हुए कहा है कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन विधेयक के मुद्दे पर किया जा रहा विरोध—प्रदर्शन शांतिपूर्वक होना चाहिए। हिंसा किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी।
गहलोत ने कहा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जो राष्ट्र के नाम संदेश में अपील की थी और चिंताएं व्यक्त की हैं। जो हालात बन रहे हैं, वो बहुत चिंताजनक हैं, और जिस रूप में सरकार की अप्रोच रही है, एनआरसी को लेके या सीएए को लेके उसके कारण हालात पैदा हुए और यह भी अपील की गई शांति के साथ में आप प्रदर्शन कर सकते हैं, परंतु लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होता है, ये बात बार बार दोहराया है मैंने, तो ये मैं आपसे अपील करने के लिए यहां मौजूद हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल जो प्रोग्राम रखा है जिसमें हम तमाम लोग धर्मनिरपेक्षता रखते हैं, जिनका विश्वास सर्व धर्म सद्भावना है, उन सबको आह्वान किया है, वे लोग कल शांति मार्च में शामिल हों। और एक मैसेज दें देश को कि जो संविधान की मूलभावना है, ये देश संविधान की मूलभावना के आधार पर चलेगा, और चलना चाहिए। संविधान की भावनाओं को एक तरफ रखकर के शासन करने का प्रयास होगा तो जनविरोध होगा उसका, जो अभी हो रहा है।
फासिस्ट टोन है गृहमंत्री की
गहलोत ने कहा जिस रूप में इन्होंने सख्त विरोध के बाद भी सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट बना दिया, एनआरसी के लिए गृहमंत्री बार-बार धमकी दे रहे हैं। पिछले चार महीने से मैं सुन रहा था, जैसा कि कल मैंने कहा भी था, कि उनके टोन जो हैं वो फासिस्टी टोन हैं, और देश में थोपना चाहते हैं कि हम एनआरसी लागू करके रहेंगे तमाम मुल्क के अंदर, जो कि संभव नहीं है। उनको जानकारी है, गृह मंत्री को, 1 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च किए गए खाली एक राज्य असम के अंदर एनआरसी लागू करने के लिए। सुप्रीम कोर्ट तक मोनिटरिंग कर रहा था। 19 लाख लोग उसके अंदर चयन किए गए एनआरसी के अंतर्गत, जिनको देश का नागरिक मानने को सरकार तैयार हुई। 16 लाख 19 लाख में से 16 लाख हिंदू थे उनमें से हैं, अब आप बताइए आपने एनआरसी के लिए इतना बड़ा प्रोसीजर किया, नोटबंदी के टाइम लोग घंटो तक लाइनों में खड़े रहे, मजदूरी छोडी नौकरी पर नहीं गए काम धंधे बंद करके, कई दिन लगाए डॉक्यूमेंट देने के लिए, लंबी परेशान करने वाली प्रक्रिया पूरी करके उन्होंने प्रयास किया, हम नागरिक हैं देश के ये सिद्ध करने के लिए तो जो लोग 19 लाख के अलावा हैं, वहां पर असम के अंदर उनकी क्या गति होगी, सदियों से रहते आ रहे हैं वहां, हमें पूरे डॉक्यूमेंट देने पड़ रहे हैं, लाइनों में लगना पड़ रहा है प्रूफ करने के लिए कि हम हिंदुस्तान के नागरिक हैं। और जो डॉक्यूमेंट नहीं दे पाए, वो 19 लाख लोग थे, 16 लाख हिंदू हैं वो। जो आंकड़े बाहर आए, आंखें खुलीं, आपके अमित शाह जी और मोदीजीकी आंखें खुलनी चाहिए थीं सबसे पहले तो, क्यों नहीं खुलीं उनकी। वहां की बीजेपी पार्टी जो है उनको भी मजबूरी में विरोध करना पड़ा। आज तमाम पॉलिटिकल पार्टी विरोध कर रही हैं, असम के अंदर लागू नहीं हो पा रहा है, जो काम सालों प्रयास करने के बाद में भी लागू नहीं हो पाया, एनआरसी असम के अंदर, वो कैसे पूरे मुल्क में लागू होगा, इसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह जी को देना चाहिए देश को। बताओ देश को, जरूरत क्या थी ये।
गलतफहमी पैदा ​की
सरकार पर कटाक्ष करते हुए गहलोत ने कहा एक तरफ आपने गलतफहमी पैदा करी और बार-बार सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट लेकर के आ गए। बिल पेश कर दिया, विपक्ष को विश्वास में लिया नहीं, राष्ट्रीय डिबेट कराई नहीं, आपने उसको पेश कर दिया, और पूरा माहौल ऐसा बना दिया देश के अंदर कि जिसके नतीजे हैं कि आज छात्र सड़कों पर आ गया, 11 मौतें हो चुकी हैं इसके अंदर, 11 मौतें होना किसे कहते हैं, नोटबंदी में 150 मौतें हुई थीं, वो चाहते क्या हैं। इस रूप में जो हालात बने हैं पूरे देश के अंदर वो चिंताजनक हैं।
कांग्रेस ने किया शांतिमार्च का आह्वान
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने ये तय किया है आह्वान करे जनता को, शांति मार्च निकले, जयपुर से संदेश जाए, पूरे प्रदेश को देशवासियों को कि राजस्थान में हम शांति से सद्भाव से भाईचारे से तभी सभी लोग चाहे वो हिंदू है मुस्लिम है सिख ईसाई पारसी जैन जो भी हैं, हम सब शांति से रहना चाहते हैं, और जिस प्रकार लोग भड़काने का काम करते हैं, पूरे प्रदेशवासियों को संकल्प लेना पड़ेगा कि हम किसी के बहकावे में नहीं आएंगे। कुछ ताकतें ऐसी होती हैं, कोई भी धर्म में हो सकती हैं कोई जाति में हो सकती हैं वर्ग में हो सकती हैं, उसके बहकावे में नहीं आएं यही मेरी अपील रहेगी सबसे। बहुत सारी ताकतें हैं। देश हित में भी और समाज हित में भी इस रूप में जो हालात बन रहे हैं देश के अंदर। प्रदेश में कल करीब 21 जगह पर प्रदर्शन हुए और मुझे इस बात का संतोष है कि जोधपुर में जो भी घटना हुई बड़ी छुटपुट घटना हुई, बीकानेर में मामूली घटना हुई और पूरे राष्ट्र में शांति स्थापित हुई। मैं उम्मीद करता हूं कि कल के दिन भी, कल के दिन भी जो लोग प्रदर्शन करना चाहते हैं, डेमोक्रेसी में आपको प्रदर्शन करने का हक सबको है, वो शांति के साथ में सद्भाव के साथ में हो।
लोकतंत्र में हिंसा का स्थान नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा मैं फिर कहना चाहूंगा हिंसा का स्थान लोकतंत्र में नहीं है, जो हिंसा करेगा कानून अपना काम करेगा। उसके लिए कोई रियायत नहीं होगी, ये मैं निवेदन करना चाहता हूं। इसीलिए मैंने कहा कि मैं एक बार अपील भी करूं जनता से कुछ लोग अगर, आप जानते हैं कि कई बार एंटी-सोशल एलीमेंट्स भी होते हैं कई बार, उनका काम ही यही होता है, तो उनसे बचकर चलें, और जो भी प्रदर्शन करना है धरना देना है, लगातार हो रहे हैं पूरे देश के अंदर नया तो नहीं है, पिछले 5-6 दिन से हो रहे हैं। एक्टिविस्ट अलग कर रहे हैं, एनजीओ कर रहे हैं, सीपीआई कर रही है सीपीएम कर रही है, सब अपने तरीके से विरोध प्रकट कर रहे हैं। वो विरोध प्रदर्शन करना वाजिब है उनका, जिस प्रकार से मैसेज चला गया देश के अंदर, धर्म के आधार पर इस देश को बांटने का प्रयास हो रहा है, अमेरिका को कहना पड़ा कि हिंदुस्तान के अंदर ये क्या हो रहा है। नरेंद्र मोदीजी के खास मित्र हैं ट्ंप साहब, उनके वहां से मैसेज आया कि देश को क्या हो रहा है हिंदुस्तान को क्या हो रहा है। आप सोच सकते हैं कि, आपको अभी नोट दूंगा, स्थिति स्पष्ट होगी, इसीलिए मैं आप सभी से कहना चाहूंगा, मीडिया से भी, कृपया करके मीडिया को, अभी से ही जो आप लोग कॉन्ट्रीब्यूट कर सकें, जिससे कि राजस्थान वो राज्य रहे, जहां से मैसेज पूरे राजस्थान को जाए कि पूरे राजस्थान में आपस में सभी धर्म, सभी वर्ग सभी जातियों के बीच में अच्छे संबंध हैं, अच्छा भाईचारा है, ये मैं आपसे अपेक्षा करता हूं, धन्यवाद।