Vikrant Shekhawat : Apr 02, 2021, 10:00 AM
म्यांमार: म्यांमार में फरवरी में हुए तख्तापलट के बाद से सेना के हाथों कम से कम 43 बच्चों की जान जा चुकी है। बच्चों के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ ने जानकारी देते हुए कहा कि म्यांमार में ‘बुरे सपने जैसे हालात’ हैं।बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वाले बच्चों में से एक छह साल की बच्ची थी। मरने वाले जिन बच्चों के बारे में जानकारी मिली है, उनमें ये सबसे कम उम्र का बच्ची थी। एक स्थानीय निगरानी समूह के मुताबिक तख्तापलट के बाद से जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या 536 है।विरोध को सख्ती से कुचल रही सेनाम्यांमार में सेना विरोध को सख्ती से कुचल रही है। इस बीच म्यांमार में संयुक्त राष्ट्र के दूत का कहना है कि यहां ‘और खून बहने’ का खतरा है। इस बीच सीमांत इलाके में सेना और नस्लीय अल्पसंख्यक समूह के बीच संघर्ष तेज हो गया है।सेना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए तख्तापलट कर दिया थाबता दें कि म्यांमार में आशांति की शुरुआत करीब दो महीने पहले हुई थी। तब सेना ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए तख्तापलट कर दिया था। चुनाव में आंग सान सूची की पार्टी NLD ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। तख्तापलट के खिलाफ हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध जाहिर किया। सेना ने शुरुआत में प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। बाद में रबर की गोलियां और गोलियां चलाई गईं।शनिवार को 100 से ज्यादा लोगों की जान गई थीशनिवार को सबसे जोरदार संघर्ष हुआ। उस दिन सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सेना ने सड़क पर मौजूद लोगों पर अचानक हमला किया। कुछ लोगों की मौत उनके घर के अंदर हुई। 6 साल की बच्ची की गोली लगने से हुई मौतहमले में जान गंवाने वाली 6 साल की बच्ची खिन म्यो चित के परिवार ने बताया कि मार्च महीने के आखिर में मांडले स्थित उनके घर पर छापा मारा गया। इस दौरान बच्ची अपने पिता की और दौड़ी और उसे पुलिस की गोली लग गई।