Muhammad Yunus / बांग्लादेश ने सेना की दिखाई ताकत, यूनुस ने कहा-युद्ध के लिए रहें तैयार

बांग्लादेश के चटगांव में टैंक, हेलीकॉप्टर और तोपों के साथ युद्धाभ्यास चल रहा है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। इस अभ्यास से सेना का आत्मविश्वास बढ़ाने और सैन्य ताकत दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।

Vikrant Shekhawat : Jan 06, 2025, 01:00 AM

Muhammad Yunus: हाल ही में बांग्लादेश के चटगांव क्षेत्र में एक बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास किया गया, जिसमें टैंकों, हेलीकॉप्टरों और तोपों का उपयोग किया गया। यह अभ्यास 55 इन्फैंट्री डिवीजन के नेतृत्व में हुआ और इसमें बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान और नौसेना प्रमुख एडमिरल एम. नजमुल हसन मौजूद थे। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य देश की सैन्य तैयारियों को बढ़ावा देना और संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना को सतर्क रखना था।

मोहम्मद यूनुस का संदेश: सेना को हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए

इस सैन्य अभ्यास के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने सेना को संबोधित करते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सेना को हर समय तैयार रहना जरूरी है। उन्होंने कहा, “जिस प्रकार खेलों में बेहतर तैयारी करने वाली टीम जीतती है, उसी तरह युद्ध में भी जीत के लिए निरंतर अभ्यास और उत्कृष्टता हासिल करना आवश्यक है।” यूनुस ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की सेना को आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस करने पर जोर दिया जा रहा है।

यूनुस ने 55 इन्फैंट्री डिवीजन द्वारा आयोजित इस अभ्यास को देखकर सेना के आत्मविश्वास और कौशल की सराहना की। उन्होंने कहा, “आज मैंने जो देखा है, उससे यह स्पष्ट होता है कि हमारी सेना पहले से अधिक आत्मविश्वास से भरी हुई है। सेना के हर सदस्य ने इस अभ्यास में अपनी पूरी मेहनत और समर्पण दिखाया है।” यूनुस ने सेना को आश्वासन दिया कि उन्हें और अधिक आधुनिक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

सैन्य अभ्यास के पीछे छिपा संदेश

बांग्लादेश की सरकार और सेना द्वारा आयोजित इस अभ्यास को महज एक सामान्य सैन्य अभ्यास के रूप में नहीं देखा जा सकता। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पीछे बांग्लादेश की ओर से अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करने का प्रयास भी है। सेवानिवृत्त भारतीय सेना अधिकारी कर्नल दीप्तांशु चौधरी का कहना है कि बांग्लादेश का यह अभ्यास संभवतः भारत के लिए एक परोक्ष संदेश हो सकता है। उन्होंने कहा, “अगर बांग्लादेश भारत के साथ युद्ध की कल्पना भी कर रहा है, तो यह उनकी बड़ी भूल होगी। बांग्लादेश को यह समझना चाहिए कि भारत के साथ युद्ध करना मूर्खता होगी।"

भारत विरोधी भावना में बढ़ोतरी

पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में भारत विरोधी भावना बढ़ती जा रही है। वहां के कई कट्टरपंथी नेताओं और पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए हैं। उन्होंने न केवल कोलकाता बल्कि बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम और पूर्वोत्तर के सेवन सिस्टर्स राज्यों पर भी कब्जा करने की धमकी दी है। इन बयानों ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।

बांग्लादेश के सैन्य अभ्यास को लेकर कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत के लिए एक चेतावनी हो सकती है। लेकिन भारतीय सैन्य अधिकारियों का मानना है कि बांग्लादेश की सैन्य ताकत अभी भी भारत के मुकाबले बेहद सीमित है। कर्नल चौधरी ने कहा कि बांग्लादेश ने 1971 के बाद शायद ही कोई बड़ा सैन्य अभ्यास किया हो। इसलिए, मौजूदा स्थिति में उनकी सैन्य तैयारियों को लेकर संदेह बना हुआ है।

युद्धाभ्यास के निहितार्थ

राजबाड़ी सैन्य प्रशिक्षण क्षेत्र में आयोजित इस अभ्यास के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार ने कहा कि देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सेना को हर संभव प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक खिलाड़ी को उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए निरंतर अभ्यास करना पड़ता है, उसी प्रकार सेना को भी युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

यूनुस ने सेना के अधिकारियों और जवानों की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि यह अभ्यास दिखाता है कि बांग्लादेश की सेना अपने कौशल को निखारने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के अभ्यासों से सेना का मनोबल बढ़ता है और उनकी युद्धक क्षमता में सुधार होता है।

भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार

बांग्लादेश की सरकार और सेना के इस प्रकार के अभ्यास से यह संकेत मिलता है कि वे भविष्य की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। हालांकि, भारत के साथ युद्ध की संभावना को लेकर बांग्लादेश की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

बांग्लादेश के सैन्य अभ्यास को लेकर भारत के सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह अधिकतर आंतरिक राजनीति और जनता को आश्वस्त करने के लिए किया गया है। फिर भी, भारत को अपनी सीमाओं पर सतर्कता बनाए रखनी चाहिए और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।

निष्कर्ष

चटगांव में हो रहा यह युद्ध अभ्यास बांग्लादेश की सैन्य तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लेकिन इसके पीछे का राजनीतिक और रणनीतिक उद्देश्य भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत को इस प्रकार की गतिविधियों पर नज़र बनाए रखनी चाहिए और अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना चाहिए।

इस अभ्यास से यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश अपनी सेना को अधिक आधुनिक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयासरत है। हालांकि, भारत के साथ युद्ध की कल्पना करना बांग्लादेश के लिए एक बड़ी भूल होगी। भारतीय सेना की ताकत और रणनीतिक क्षमता का मुकाबला करना उनके लिए संभव नहीं है। इसके बजाय, दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए।