Vikrant Shekhawat : Mar 28, 2021, 11:53 AM
नई दिल्ली। बीसीसीआई (BCCI) ने आखिरकार विवादास्पद सॉफ्ट सिग्नल (Soft Signal) को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। आईपीएल (IPL 2021) के मौजूदा सीजन से इसे हटा दिया गया है। इसके अलावा तीसरा अंपायर मैदानी अंपायर के नोबॉल और शॉर्ट रन के निर्णय को बदल सकेगा। इस बारे में आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की ओर से सभी फ्रेंचाइजी टीमों को जानकारी भेज दी गई है।
Sportstar की खबर के अनुसार, पहले किसी खिलाड़ी के निर्णय को लेकर जब मैदानी अंपायर तीसरे अंपायर के पास जाता था तो उसे सॉफ्ट सिग्नल के तहत अपना निर्णय देना हाेता था। यानी उसे खिलाड़ी को आउट या नॉटआउट देना होता था। इस निर्णय के बाद तीसरे अंपायर को मैदानी अंपायर के निर्णय को पलटने के लिए एक ठोस सबूत की जरूरत होती थी। ऐसा नहीं होने पर मैदानी अंपायर का निर्णय ही मानना हाेता था। लेकिन आईपीएल के मौजूदा सीजन में ऐसा नहीं होगा। सॉफ्ट सिग्नल जैसी कोई चीज ही नहीं होगी। तीसरा अंपायर रिप्ले देखकर खुद से निर्णय ले सकेगा।भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टी20 में सूर्यकुमार और वॉशिंगटन सुंदर के आउट होने के बाद सॉफ्ट सिग्नल को लेकर सवाल उठे थे। कप्तान विराट कोहली ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए नियम बनाने वालों से इस ओर ध्यान देने की बात कही थी। इसके अलावा अंपायर्स कॉल को भी लेकर विवाद चल रहा है। गुरुवार को आईसीसी बोर्ड की बैठक में बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने अन्य सदस्यों से कहा कि सॉफ्ट सिग्नल के नियम में बदलाव की जरूरत है।
शॉर्ट रन का निर्णय तीसरा अंपायर बदल सकेगामैच के दौरान शॉर्ट रन काे लेकर मैदानी अंपायर ही निर्णय लेते हैं। लेकिन अगर तीसरे अंपायर को लगा कि निर्णय गलत है तो वह मैदानी अंपायर के निर्णय को बदल सकेगा। इसके अलावा तीसरा अंपायर मैदानी अंपायर के नोबॉल के निर्णय को भी बदल सकेगा। अगर उसे दिखता है कि यह गलत है।
90 मिनट में 20 ओवर पूरे करने होंगेमैच को लेकर भी नियम बदले गए हैं। पहले पारी के 20वें ओवर की शुरुआत 90 मिनट के पहले हो जानी चाहिए थी। लेकिन अब नए नियम के अनुसार 90 मिनट में 20 ओवर पूरे करने होंगे। ऐसा निर्णय इसलिए लिया गया है कि कई बार मैच 4 घंटे से अधिक समय तक चला जाता था। टीमें 20 ओवर फेंकने के लिए अधिक समय ले लेती थीं। ऐसे में उन पर जुर्माना लगाने का नियम है।
Sportstar की खबर के अनुसार, पहले किसी खिलाड़ी के निर्णय को लेकर जब मैदानी अंपायर तीसरे अंपायर के पास जाता था तो उसे सॉफ्ट सिग्नल के तहत अपना निर्णय देना हाेता था। यानी उसे खिलाड़ी को आउट या नॉटआउट देना होता था। इस निर्णय के बाद तीसरे अंपायर को मैदानी अंपायर के निर्णय को पलटने के लिए एक ठोस सबूत की जरूरत होती थी। ऐसा नहीं होने पर मैदानी अंपायर का निर्णय ही मानना हाेता था। लेकिन आईपीएल के मौजूदा सीजन में ऐसा नहीं होगा। सॉफ्ट सिग्नल जैसी कोई चीज ही नहीं होगी। तीसरा अंपायर रिप्ले देखकर खुद से निर्णय ले सकेगा।भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टी20 में सूर्यकुमार और वॉशिंगटन सुंदर के आउट होने के बाद सॉफ्ट सिग्नल को लेकर सवाल उठे थे। कप्तान विराट कोहली ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए नियम बनाने वालों से इस ओर ध्यान देने की बात कही थी। इसके अलावा अंपायर्स कॉल को भी लेकर विवाद चल रहा है। गुरुवार को आईसीसी बोर्ड की बैठक में बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने अन्य सदस्यों से कहा कि सॉफ्ट सिग्नल के नियम में बदलाव की जरूरत है।
शॉर्ट रन का निर्णय तीसरा अंपायर बदल सकेगामैच के दौरान शॉर्ट रन काे लेकर मैदानी अंपायर ही निर्णय लेते हैं। लेकिन अगर तीसरे अंपायर को लगा कि निर्णय गलत है तो वह मैदानी अंपायर के निर्णय को बदल सकेगा। इसके अलावा तीसरा अंपायर मैदानी अंपायर के नोबॉल के निर्णय को भी बदल सकेगा। अगर उसे दिखता है कि यह गलत है।
90 मिनट में 20 ओवर पूरे करने होंगेमैच को लेकर भी नियम बदले गए हैं। पहले पारी के 20वें ओवर की शुरुआत 90 मिनट के पहले हो जानी चाहिए थी। लेकिन अब नए नियम के अनुसार 90 मिनट में 20 ओवर पूरे करने होंगे। ऐसा निर्णय इसलिए लिया गया है कि कई बार मैच 4 घंटे से अधिक समय तक चला जाता था। टीमें 20 ओवर फेंकने के लिए अधिक समय ले लेती थीं। ऐसे में उन पर जुर्माना लगाने का नियम है।