राजस्थान में उप चुनाव 2021 में / अब बीजेपी - कांग्रेस को राजपूत वोट बैंक को अपनी जागीर नहीं समझना चाहिए, उप चुनावों में मिल सकता है बड़ा झटका, यह मुलाकात दिखाएगी नए राजनीतिक रंग

बीजेपी का वोट बैंक इन उप चुनावों में खिसक सकता है और सत्ता संभाल रही कांग्रेस की नींद भी उड़ सकती है। आपका चौंकना लाजिमी होगा, यदि इन्हीं उप चुनावों से पहले प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिल जाए। प्रदेश में कुछ ही समय में उप चुनाव प्रस्तावित है और इसी के मद्देनजर एनसीपी के मुखिया उम्मेदसिंह चम्पावत...

Vikrant Shekhawat : Feb 05, 2021, 10:39 PM
प्रदेश में चारों सीटों पर राजपूत वोटर्स का बाहुल्य, एनसीपी समीकरण साधने में जुटी
बाड़मेर | बीजेपी का वोट बैंक इन उप चुनावों में खिसक सकता है और सत्ता संभाल रही कांग्रेस की नींद भी उड़ सकती है। आपका चौंकना लाजिमी होगा, यदि इन्हीं उप चुनावों से पहले प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण देखने को मिल जाए। प्रदेश में कुछ ही समय में उप चुनाव प्रस्तावित है और इसी के मद्देनजर एनसीपी के मुखिया उम्मेदसिंह चम्पावत का क्षत्रिय युवक संघ के संघप्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर से मुलाकात करना एक संयोग नहीं कहा जा सकता। जबकि 25 दिन पहले रोलसाहबसर अपने एक अनुषांगिक संगठन के वार्षिक कार्यक्रम में साफ कह चुके हैं कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां राजपूत समाज से छल कर रही है। ऐसे में यदि राजपूत समाज इन उप चुनावों में यदि एनसीपी के साथ एक प्रयोग करने की सोचता भी है तो परिणाम बदल सकते हैं. 

आपको याद दिला दें कि क्षत्रिय युवक संघ के निर्देशन में ही प्रताप फाउण्डेशन राजपूत समाज में लोकतांत्रिक राजनीति के पहलुओं पर सामाजिक रूप से काम करता है। इसका पूरे राजपूत समाज में खासा प्रभाव है, जिसके लाखों समर्थक है और इसकी वजह से राजपूतों को प्रभावी प्रतिनिधित्व का मौका भी मिलता रहा है। राजपूत समाज से आने वाले एक युवा नेता बताते हैं कि वह भगवानसिंह रोलसाहबसर का ही इशारा था कि जोधपुर में एक कार्यक्रम में सम्बोधन करते हुए उन्होंने सीएम वसुन्धरा राजे की मौजूदगी में कहा कि "चाय ठंडी हो जाती है और मुखिया मिलती ही नहीं।" राजपूत समाज ने इशारा समझा और "मोदी तुझसे बैर नहीं, वसुन्धरा तेरी खैर नहीं" का नारा दे दिया। नतीनजतन बीजेपी को सत्ता से बाहर होना पड़ा। समाज ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सपोर्ट किया। यहां तक कि धुर बीजेपी के परिवार से आने वाले मानवेन्द्रसिंह तक ने कांग्रेस जाॅइन कर ली और उनकी पत्नी ने वसुन्धरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ा। परन्तु जीत के बाद कांग्रेस ने राजपूत समाज को तरजीह नहीं दी। यहां तक कि नई कार्यकारिणी में अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने एक बड़ी आबादी वाले इस तबके को बिल्कुल उपेक्षित ही कर दिया। ऐसे में क्षत्रिय युवक संघ के संघप्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने साफ कहा कि दोनों ही पार्टियां राजपूतों की उपेक्षा कर रही है। 

क्यों मिले हैं चम्पावत
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष उम्मेदसिंह चम्पावत विधानसभा उप चुनावों में इन दिनों सुजानगढ़, सहाड़ा, भींडर और राजसमंद सीटों पर अपनी पार्टी प्रत्याशी उतारने के लिए मंथन कर रहे हैं। इन चारों सीटों पर राजपूत निर्णायक वोटर हैं। हालांकि सुजानगढ़ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, लेकिन वहां के राजपूत वोटर यदि एनसीपी के एससी प्रत्याशी की ओर खिसक आते हैं तो परिणाम बदल जाएगा। इसी तरह राजसमंद में कांग्रेस राजपूत प्रत्याशी नारायणसिंह को टिकट देती रही है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश के बड़े नेता अपने बेटे को वहां से चुनाव मैदान से उतारने की तैयारी में है। परन्तु यदि एनसीपी वहां किसी प्रभाव वाले राजपूत को टिकट देती है तो निश्चित तौर पर दोनों ही पार्टियां बगलें झांकने को मजबूर होंगी। इसी तरह भींडर सीट पर राजपूत ही चुनाव लड़ते रहे हैं। एनसीपी वहां पर भी एक प्रभावी नेता को चुनाव में उतारेगी। वहां तो बीजेपी वैसे भी तीसरे स्थान पर ही रहती है। भींडर के रणधीरसिंह की जनता सेना वहां पहले से एक बड़ा विकल्प है। यदि एनसीपी वहां प्रत्याशी उतारती है तो मुकाबला चतुष्कोणीय होगा। वहीं सहाड़ा में प्रवासी और राजपूतों की बहुतायत साफ तौर पर परिणाम प्रभावित करेंगे। एनसीपी के मुखिया चम्पावत का ऐसे में राजपूत समाज के सबसे बड़े सामाजिक संगठन के मुखिया से मुलाकात एक बड़ा इशारा कर रही है। वह भी ऐसे समय में जब राजपूतों की उपेक्षा बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही कर रही हैं। 

विकल्प के रूप में चुन रही है जनता

केन्द्र में मराठा क्षत्रप शरद पवार के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी राजस्थान में अपना वजूद अपने बूते बनाने की कोशिशों में जुटी है। पंचायत चुनावों में इस पार्टी ने कई प्रत्याशियों को हराया तो निकाय चुनावों में दो निकायों नोखा व निवाई में अपने बूते बहुमत भी प्राप्त किया। दो दिन पहले एक प्रेस वार्ता में इस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उम्मेदसिंह चम्पावत ने साफ कहा कि बीजेपी ने उनके पार्षदों को धमकाकर और खरीदकर अपनी ओछी मानसिकता का परिचय दिया है। दोनों ही पार्टियों से लोग उकता चुके हैं और वे प्रदेश की राजनीति में एक स्वच्छ व प्रभावी विकल्प चाहते हैं।

भगवानसिंह रोलसाहबसर से मुलाकात के सवाल पर चम्पावत का कहना है कि रोलसाहबसर क्षत्रिय युवक संघ के मुखिया हैं और उनके स्वास्थ्य संबंधी हालचाल जानने के लिए मुलाकात की। राजनीतिक समीकरण के सवाल पर चम्पावत ने कहा कि रोलसाहबसर बहुत ही सरल और मिलनसार होने के साथ-साथ आध्यात्मिक उर्जा वाले व्यक्ति हैं। ऐसे में उनका आशीर्वाद सभी का भला करने वाला ही है। उन्होंने कहा है कि उप चुनावों में हम प्रदेश की जनता के सामने केवल जाति के आधार पर नहीं बल्कि विकास और स्वच्छ राजनीति के बल पर वोट मांगने जाएंगे।