Zee News : May 17, 2020, 03:02 PM
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक पैकेज की डीटेल दे रही हैं। वित्त मंत्री आज आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त की घोषणाएं कर रही हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा कि हमने पिछले चार दिनों में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ के लिए कई घोषणाएं कीं।उन्होंने याद दलाते हुए कहा कि पीएम ने कहा था कि जान है तो जहान है। देश संकट के दौर से गुजर रहा है। पीएम ने यह भी कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है। संकट का दौर नए अवसर भी खोलता है। वित्त मंत्री के अहम ऐलान- मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ दिए जाएंगे। बजट में 61 हजार करोड़ रुपए मनरेगा के लिए फंड पहले ही दिया जा चुका है।- स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए रिफॉर्म किए जाएंगे। ब्लॉक लेवल पर पब्लिक हेल्थ लैब और अस्पताल बनाए जाएंगे।
- पीएम ई-विद्या प्रोग्राम के तहत डिजिटल ऑनलाइन प्रोग्राम लॉन्च किए जाएंगा। दीक्षा स्कूल एजुकेशन के लिए वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म तुरंत शुरू किया जाएगा। हर क्याल के लिए एक टीवी चैनल लॉन्च किया जाएगा। कक्षा एक से 12 तक के लिए वन क्लास वन चैनल के तहत चैनल लॉन्च किए जाएंगे। छात्रों के लिए मनु दर्शन के माध्यम से साइकोलॉजिकर सपोर्ट शुरू किए जाएंगा। दिव्यांग छात्रों के लिए स्पेशल ई-कंटेंट उपलब्ध कराए जाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में रेडियो का इस्तेमाल किया जाएगा। - कई बिजनेस लॉकडाउन में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोई भी लोन की बकाया राशि कंपनियों के पास पड़ी है और कोरोना वायरस की वजह से वह नहीं दे पा रहे हैं तो वह डिफॉल्ट में नहीं शामिल किया जाएगा। इसका फायदा MSME's को मिलेगा। कंपनियों के लिए 1 साल तक कोई दिवालिया प्रोसेस नहीं शुरू की जाएगी। छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक स्पेशल दिवालिया प्रोसीजर लाए जाएंगे। - दिवालिया कार्यवाही के लिए थ्रेसोल्ड लिमिट ₹1लाख से बढ़ाकर ₹1करोड़ कर दी गई है। कंपनीज एक्ट के तहत कंपनियों को डिक्रिमिनलाइजेशन का फायदा दिया जाएगा। अगर वह टेक्निकल और प्रोसीजरल नेचर में छोटी-मोटी गलतियों पर आपराधिक कार्यवाही नहीं होगी। 7 ऐसे कंपाउंडेबल ऑफेंसेस हैं जिसे अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाएगा। कंपनियों को छोटे-मोटे उल्लंघन पर आपराधिक केसों में नहीं घसीटा जाएगा। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बल मिलेगा।- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी की घोषणा की जाएगी। विशेष क्षेत्रों में पब्लिक सेक्टर काम करते रहेंगे लेकिन प्राइवेट कंपनियां भी लगभग सभी सेक्टर में हिस्सा ले सकेंगीं। नोटिफाइड क्षेत्र में पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज काम करेंगे। कम से कम एक पब्लिक सेक्टर की कंपनी नोटिफाई क्षेत्र में काम करेगी लेकिन इसमें प्राइवेट कंपनियों को भी अनुमति दी जाएगी। स्ट्रैटेजिक सेक्टर की घोषणा अलग से होगी जिसमें मैक्सिमम 4 पब्लिक कंपनियां काम करेंगी। पब्लिक सेक्टर कंपनियों के निजीकरण का फैसला मार्केट को देख कर लिया जाएगा।- राज्य सरकारों को सहायता दी जाएगी। पहले भी दी गई है। कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकारें भी अपने राजस्व में कमी देख रही हैं। केंद्र ने 46038 करोड़ रुपए अप्रैल महीने में राज्य सरकारों को दिए। 12390 करोड़ रुपए रेवेन्यू घाटे के लिए समय पर राज्यों को दिए गए। 11,092 करोड़ रुपए स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तहत अप्रैल महीने में दिए गए। एंटी कोविड-19 एक्टिविटी के लिए राज्य सरकारों को हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से 4,113 करोड़ रुपए पहले ही दिए गए थे। RBI की तरफ से राज्यों की उधार की लिमिट बढ़ाई गई और दिन भी बढ़ाए। राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट फेसिलिटी 32 दिन से बढ़ाकर 50 दिन किया है।
- पीएम ई-विद्या प्रोग्राम के तहत डिजिटल ऑनलाइन प्रोग्राम लॉन्च किए जाएंगा। दीक्षा स्कूल एजुकेशन के लिए वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म तुरंत शुरू किया जाएगा। हर क्याल के लिए एक टीवी चैनल लॉन्च किया जाएगा। कक्षा एक से 12 तक के लिए वन क्लास वन चैनल के तहत चैनल लॉन्च किए जाएंगे। छात्रों के लिए मनु दर्शन के माध्यम से साइकोलॉजिकर सपोर्ट शुरू किए जाएंगा। दिव्यांग छात्रों के लिए स्पेशल ई-कंटेंट उपलब्ध कराए जाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में रेडियो का इस्तेमाल किया जाएगा। - कई बिजनेस लॉकडाउन में बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोई भी लोन की बकाया राशि कंपनियों के पास पड़ी है और कोरोना वायरस की वजह से वह नहीं दे पा रहे हैं तो वह डिफॉल्ट में नहीं शामिल किया जाएगा। इसका फायदा MSME's को मिलेगा। कंपनियों के लिए 1 साल तक कोई दिवालिया प्रोसेस नहीं शुरू की जाएगी। छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए एक स्पेशल दिवालिया प्रोसीजर लाए जाएंगे। - दिवालिया कार्यवाही के लिए थ्रेसोल्ड लिमिट ₹1लाख से बढ़ाकर ₹1करोड़ कर दी गई है। कंपनीज एक्ट के तहत कंपनियों को डिक्रिमिनलाइजेशन का फायदा दिया जाएगा। अगर वह टेक्निकल और प्रोसीजरल नेचर में छोटी-मोटी गलतियों पर आपराधिक कार्यवाही नहीं होगी। 7 ऐसे कंपाउंडेबल ऑफेंसेस हैं जिसे अपराध की श्रेणी से बाहर रखा जाएगा। कंपनियों को छोटे-मोटे उल्लंघन पर आपराधिक केसों में नहीं घसीटा जाएगा। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बल मिलेगा।- पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी की घोषणा की जाएगी। विशेष क्षेत्रों में पब्लिक सेक्टर काम करते रहेंगे लेकिन प्राइवेट कंपनियां भी लगभग सभी सेक्टर में हिस्सा ले सकेंगीं। नोटिफाइड क्षेत्र में पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज काम करेंगे। कम से कम एक पब्लिक सेक्टर की कंपनी नोटिफाई क्षेत्र में काम करेगी लेकिन इसमें प्राइवेट कंपनियों को भी अनुमति दी जाएगी। स्ट्रैटेजिक सेक्टर की घोषणा अलग से होगी जिसमें मैक्सिमम 4 पब्लिक कंपनियां काम करेंगी। पब्लिक सेक्टर कंपनियों के निजीकरण का फैसला मार्केट को देख कर लिया जाएगा।- राज्य सरकारों को सहायता दी जाएगी। पहले भी दी गई है। कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकारें भी अपने राजस्व में कमी देख रही हैं। केंद्र ने 46038 करोड़ रुपए अप्रैल महीने में राज्य सरकारों को दिए। 12390 करोड़ रुपए रेवेन्यू घाटे के लिए समय पर राज्यों को दिए गए। 11,092 करोड़ रुपए स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के तहत अप्रैल महीने में दिए गए। एंटी कोविड-19 एक्टिविटी के लिए राज्य सरकारों को हेल्थ मिनिस्ट्री की तरफ से 4,113 करोड़ रुपए पहले ही दिए गए थे। RBI की तरफ से राज्यों की उधार की लिमिट बढ़ाई गई और दिन भी बढ़ाए। राज्यों के लिए ओवरड्राफ्ट फेसिलिटी 32 दिन से बढ़ाकर 50 दिन किया है।