देश / पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति छोड़ने वाले अपने फेसबुक पोस्ट को किया एडिट

पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राजनीति से संन्यास लेने वाले अपने फेसबुक पोस्ट को एडिट करते हुए उसमें से 'किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा' वाले हिस्से को हटा दिया है। बाबुल ने पहले पोस्ट में लिखा था, "मैं किसी अन्य राजनीतिक पार्टी में नहीं जा रहा हूं- टीएमसी, कांग्रेस, सीपीआईएम...कहीं नहीं...ना ही किसी ने मुझे बुलाया है।"

Vikrant Shekhawat : Aug 01, 2021, 07:43 AM
नई दिल्ली: तो क्या अब बाबुल सुप्रियो जल्द ही कोई नई पार्टी जॉइन करेंगे...या फिर वो अपनी नई पार्टी बनाएंगे? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि अब बाबुल सुप्रियो ने अपने त्याग पत्र वाले फेसबुक पोस्ट में जरुरी एडिट किया है। दरअसल बाबुल सुप्रियो ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिख कर राजनीति से सन्यास लेने की बात कही थी। साथ ही साथ उन्होंने यह भी लिखा था कि वो कोई भी अन्य दूसरी पार्टी जॉइन नहीं करना चाहते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सबसे पहले जो फेसबुक पोस्ट लिखा था उसमें उन्होंने नाम लेकर कहा था कि वो तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और सीपीएम या कोई अन्य दूसरी पार्टी जॉइन नहीं करेंगे।

उन्होंने लिखा था कि 'मैं इस बात की पुष्टि करता हूं कि किसी ने भी मुझे नहीं बुलाया और ना ही मैं किसी के पास जाऊंगा। मैं वन टीम प्लेयर हूं। सिर्फ एक ही टीम को सपोर्ट किया है और वो है मोहन बगान, सिर्फ बीजेपी को किया है। बस इतना ही।' लेकिन अब यह हिस्सा उनके फेसबुक पोस्ट से डिलीट किया जा चुका है। जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बाबुल सुप्रिया जल्द ही कोई अन्य पार्टी जॉइन कर सकते हैं। इधर मीडिया ने जब बाबुल सुप्रियो से उनके राजनीति छोड़ने के ऐलान पर सवाल पूछे तब उन्होंने कहा कि 'एक शब्द भी नहीं बोलना चाहता। जो कुछ भी मुझे कहना था। मैंने लिख दिया है।'

बाबुल सुप्रिया ने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखते हुए इससे पहले कहा था कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में अमित शाह और जेपी नड्डा को राजनीति छोड़ने के फैसले के बारे में बता दिया था। उन्होंने लिखा था कि, ''मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंने मुझे कई मायनों में प्रेरित किया है। मैं उनके प्यार को कभी नहीं भूलूंगा।'' 2014 में बीजेपी में शामिल होने के बाद दो बार आसनसोल से सांसद बने बाबुल ने आगे लिखा, ''सवाल उठेगा कि मैंने राजनीति क्यों छोड़ी? मंत्रालय के जाने से इनका कोई लेनादेना है क्या? हां वह है- कुछ लोगों के पास होना चाहिए! चिंता नहीं करना चाहते हैं तो अगर वह सवाल का जवाब देगी तो सही होगा- इससे मुझे भी शांति मिलेगी।''

ये संकेत पहले से थे कि बाबुल सुप्रियो अपनी पार्टी में थोड़े उखड़े-उखड़े हैं। सियासत में उन्होंने बड़ी बाजियां मारी, लेकिन विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद उनका कद घटने लगा था। नतीजा ये हुआ कि उन्हें मोदी कैबिनेट से बेदखल कर दिया गया। पिछले दिनों जब उन्हें कैबिनेट से हटाया गया था तो उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि वह अपने लिए दुखी हैं।

बाबुल सुप्रियो के राजनीति से संन्यास के पीछे एक संभावित वजह पश्चिम बंगाल बीजेपी से उनका अनबन भी हो सकती है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से उनके खराब रिश्ते तो जगजाहिर रहे हैं। 2020 में एंटी-सीएए प्रोटेस्ट के दौरान घोष ने जब यह कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को गोली मार देनी चाहिए तब बाबुल ने उनके बयान को गैरजिम्मेदार बताकर निंदा की थी।