Delhi Election Voting Day / भाजपा और आप में कड़ी टक्कर, पर कांग्रेस का क्या होगा? जानें 10 प्वाइंट्स में सबकुछ

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है। आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। भ्रष्टाचार के आरोपों और प्रशासनिक टकरावों के बावजूद आप फिर जीत दर्ज करेगी या भाजपा और कांग्रेस वापसी करेंगी? नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे।

Delhi Election Voting Day: दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहा है और इसके लिए वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू हो चुकी है। इस बार दिल्ली चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। आम आदमी पार्टी को भाजपा इस बार कड़ी टक्कर दे रही है तो वहीं कांग्रेस भी पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। अब जीत किसे मिलेगी, यह आज जनता तय करेगी और ईवीएम आठ फरवरी को खुलेंगी, जो यह बता देंगी कि दिल्ली में किसकी सरकार बनेगी।

क्या फिर से बहुमत में आएंगे अरविंद केजरीवाल या भाजपा-कांग्रेस की वापसी होगी?

आम आदमी पार्टी ने पिछले दो चुनावों में शानदार जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शराब नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के कई नेता जांच के घेरे में आ चुके हैं। दूसरी ओर, भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बड़े चुनावी अभियान चला रही है और इस बार दिल्ली में अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।

कांग्रेस, जो कभी दिल्ली की सबसे प्रभावशाली पार्टी हुआ करती थी, 10 साल के लंबे इंतजार के बाद इस बार सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है। ऐसे में यह चुनाव बेहद रोचक होने वाला है।

चुनावी मुकाबले से जुड़ी 10 प्रमुख बातें:

  1. आप का प्रदर्शन: आम आदमी पार्टी ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी नीतियों के कारण काफी लोकप्रियता हासिल की, लेकिन शराब नीति घोटाले का दाग उसके खिलाफ जा सकता है।

  2. भाजपा की उम्मीदें: भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कई राज्यों में सफलता हासिल की है। इस बार दिल्ली में भी भाजपा अपनी सरकार बनाने की पूरी कोशिश कर रही है।

  3. कांग्रेस की वापसी की कोशिश: कांग्रेस, जो 2013 तक दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी, इस बार अपनी पुरानी स्थिति बहाल करने की कोशिश में है।

  4. आप सरकार की चुनौतियाँ: शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और अन्य नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप चुनाव पर असर डाल सकते हैं।

  5. केंद्र और राज्य सरकार का टकराव: उपराज्यपाल और केंद्र सरकार के साथ बार-बार टकराव के कारण भी आप सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

  6. भ्रष्टाचार के आरोप: आम आदमी पार्टी, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाकर सत्ता में आई थी, अब खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है।

  7. केजरीवाल मॉडल: केजरीवाल ने दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का दावा किया है, लेकिन विपक्ष ने इसे "रेवड़ी संस्कृति" करार दिया है।

  8. सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि दिल्ली सरकार के पास सभी प्रशासनिक शक्तियाँ हैं, लेकिन केंद्र ने अध्यादेश लाकर उपराज्यपाल को अधिक अधिकार दे दिए, जिससे विवाद बढ़ा।

  9. भाजपा की रणनीति: भाजपा इस बार चुनाव में अपनी मजबूत संगठनात्मक रणनीति और पीएम मोदी की लोकप्रियता पर निर्भर कर रही है।

  10. जनता का फैसला: अगर आम आदमी पार्टी हारती है, तो यह उसके लिए बड़ा झटका होगा। वहीं, भाजपा की जीत उसकी राष्ट्रीय साख को मजबूत करेगी, जबकि कांग्रेस की जीत उसे दिल्ली में नई ऊर्जा देगी।