Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम लगभग स्पष्ट हो चुके हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रचंड बहुमत के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव परिणामों के अनुसार, 70 विधानसभा सीटों में से भाजपा को 48 सीटों पर बढ़त हासिल है, वहीं AAP मात्र 22 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।
आतिशी ने स्वीकार किया जनादेश
आम आदमी पार्टी की इस हार पर दिल्ली की निवर्तमान मुख्यमंत्री और AAP नेता आतिशी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,
"मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए मैं कालकाजी के लोगों को धन्यवाद देती हूं। मैं अपनी टीम को बधाई देती हूं जिन्होंने 'बाहुबल', गुंडागर्दी और मारपीट का सामना करते हुए जमीनी स्तर पर मेहनत की और जनता के पास पहुंचे। बाकी दिल्ली की जनता का जनादेश है और मैं इसे स्वीकार करती हूं।"'बीजेपी के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा' – आतिशी
निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी। उन्होंने कहा,
"मैं अपनी सीट जीत गई हूं लेकिन यह जश्न मनाने का समय नहीं है। बीजेपी के खिलाफ जंग जारी रहेगी। आम आदमी पार्टी हमेशा गलत के खिलाफ लड़ती आई है और लड़ती रहेगी। यह जरूर एक झटका है, लेकिन आम आदमी पार्टी का संघर्ष दिल्ली और देश के लोगों के लिए खत्म नहीं होगा।"कालकाजी सीट पर आतिशी की जीत
इस चुनाव में आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी को हराकर अपनी सीट बचाई। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, आतिशी को कुल 52,154 वोट मिले, जबकि भाजपा के रमेश बिधूड़ी को 48,633 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस की उम्मीदवार अलका लांबा 4,392 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
दिल्ली चुनाव में भाजपा की रणनीति सफल
भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे उनकी आक्रामक चुनावी रणनीति, संगठनात्मक मजबूती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को मुख्य कारण माना जा रहा है। दिल्ली में पहली बार भाजपा को इतनी बड़ी संख्या में सीटें मिल रही हैं, जो पार्टी के लिए एक बड़ा राजनीतिक बदलाव है।
AAP के लिए बड़ा झटका
आम आदमी पार्टी, जो पिछले चुनावों में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई थी, इस बार अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई। पार्टी को केवल 22 सीटें मिल रही हैं, जो उसके लिए एक बड़ा झटका है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की आक्रामक रणनीति और AAP सरकार के खिलाफ बढ़ती नाराजगी इस परिणाम का कारण बनी।
आगे की राह
इस चुनाव परिणाम से दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। भाजपा के पास अब सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत है, जबकि आम आदमी पार्टी को अब विपक्ष की भूमिका निभानी होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे आने वाले वर्षों में दिल्ली की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।