Vikrant Shekhawat : Aug 17, 2020, 11:24 PM
देहरादून | सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने लगातार भूस्खलन और भारी बारिश के बावजूद तीन हफ्तों से भी कम समय में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी सेक्टर में 180 फुट के बेली ब्रिज का निर्माण किया है। क्षेत्र में 27 जुलाई, 2020 को बादल फटने की घटना से आई बाढ़ और नदी नालों के उफनने से यहां पहले से बना 50 मीटर लम्बा कंक्रीट का पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था। क्षेत्र में भूस्खलन की घटना की वजह से भी कई लोग हताहत हुए थे और सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया था।
बीआरओ ने तुरंत इस क्षेत्र में पुल बनाने के लिए अपने संसाधन जुटाए। लगातार भूस्खलन और भारी बारिश के बीच पिथौरागढ़ से पुल निर्माण के लिए आवश्यक सामग्रियों को यहां तक लाना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके बावजूद पुल निर्माण का काम 16 अगस्त, 2020 को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। पुल बन जाने से बाढ़ प्रभावित गाँवों तक संपर्क सुविधा उपलब्ध हो गई और जौलजीबी फिर से मुनस्यारी से जुड़ गया।
पुल बन जाने से उत्तराखंड के 20 गांवों के लगभग 15,000 लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पुल की वजह से जौलजीबी से मुनस्यारी तक 66 किलोमीटर लम्बी सड़क पर यातायात फिर से शुरू हो गया है। स्थानीय सांसद श्री अजय टम्टा ने जौलजीबी से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लुमटी और मोरी गांवों से सड़क संपर्क टूट जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। नया बना यह पुल गांवों में पुनर्वास कार्यों में काफी मददगार सबित होगा।
बीआरओ ने तुरंत इस क्षेत्र में पुल बनाने के लिए अपने संसाधन जुटाए। लगातार भूस्खलन और भारी बारिश के बीच पिथौरागढ़ से पुल निर्माण के लिए आवश्यक सामग्रियों को यहां तक लाना सबसे बड़ी चुनौती थी। इसके बावजूद पुल निर्माण का काम 16 अगस्त, 2020 को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। पुल बन जाने से बाढ़ प्रभावित गाँवों तक संपर्क सुविधा उपलब्ध हो गई और जौलजीबी फिर से मुनस्यारी से जुड़ गया।
पुल बन जाने से उत्तराखंड के 20 गांवों के लगभग 15,000 लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पुल की वजह से जौलजीबी से मुनस्यारी तक 66 किलोमीटर लम्बी सड़क पर यातायात फिर से शुरू हो गया है। स्थानीय सांसद श्री अजय टम्टा ने जौलजीबी से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लुमटी और मोरी गांवों से सड़क संपर्क टूट जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। नया बना यह पुल गांवों में पुनर्वास कार्यों में काफी मददगार सबित होगा।