कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्रहान) (BKU Ekta-Ugrahan) ने कहा है कि केंद्रीय एजेंसियों ने उनसे विदेशी चंदा लेने संबंधी रजिस्ट्रेशन का ब्योरा मांगा है।
प्रदर्शन में शामिल BKU Ekta-Ugrahan पंजाब का सबसे बड़ा किसान संगठन है। संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर उग्रहान और महासचिव सुखदेव सिंह ने बताया कि सरकार दबाव बनाकर किसानों आंदोलन को दबाना चाहती है। फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत विदेशी चंदा लेने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है।
केंद्रीय एजेंसी ने बैंक को भेजा ई-मेल
सुखदेव सिंह ने बताया कि केंद्र के FCRA डिपार्टमेंट ने पंजाब में हमारी बैंक को ई-मेल भेजा है। इसमें हमें मिले विदेशी चंदे के बारे में रजिस्ट्रेशन का ब्योरा देने को कहा गया है। ई-मेल में ऐसा न करने पर फंड वापस भेजने की बात भी कही गई है। सिंह ने कहा- बैंक मैनेजर ने मुझे फॉरेक्स डिपार्टमेंट का ई-मेल दिखाया। इस समय ऐसी मांग का मतलब साफ है कि केंद्र अपने खिलाफ जारी किसान आंदोलन को दबाने के लिए तमाम तरह की बाधा डाल रहा है।
CA या वकील से सलाह लेंगे किसान
संगठन को अब तक मिले विदेशी चंदे की रकम के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा- हमने अभी तक इस रकम को गिना नहीं है। हम ई-मेल का जवाब देने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) या वकील से सलाह लेंगे। वहीं उग्रहान ने कहा- आयकर विभाग ने पहले आढ़तियों (कमीशन एजेंट) पर छापे मारे, क्योंकि वे किसानों का समर्थन कर रहे थे। अब चूंकि हमारा संगठन बेहद बड़ा है, इसलिए केंद्र हमें टारगेट कर रहा है।
अपनी कमाई से NRI चंदा देते हैं: किसान नेता
उग्रहान ने आरोप लगाया कि हमसे NRI फंड की डीटेल मांगी जा रही है। पंजाब के NRI अपनी मेहनत की कमाई से हमारी मदद के लिए चंदा देते हैं। अगर वे हमारे आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं, तो इसमें क्या समस्या है? पंजाब में भी लोग हमारी मदद करते हैं। लेकिन, केंद्र हमें टारगेट इसलिए कर रहा है, क्योंकि उनका इकलौता मकसद हमारे आंदोलन को खत्म करना है।