Vikrant Shekhawat : Oct 12, 2021, 01:21 PM
नई दिल्ली: विद्युत मंत्रालय (Ministry of Power) ने राज्यों द्वारा केंद्रीय उत्पादन स्टेशनों की आवंटित बिजली के उपयोग पर दिशानिर्देश जारी किए हैं. राज्यों से उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए आवंटित बिजली का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है. इसके साथ ही सरप्लस पावर के मामले में राज्यों से अनुरोध किया गाय है कि वे सूचित करें ताकि इसका इस्तेमाल जरूरतमंद राज्यों को आवंटित किया जा सके.आवंटित बिजली शेड्यूल नहीं करने पर कार्रवाईयदि कोई राज्य पावर एक्सचेंज (Power Exchange) में बिजली बेचता हुआ पाया जाता है या इस आवंटित बिजली को शेड्यूल नहीं कर रहा है तो उनकी आवंटित बिजली अस्थायी रूप से कम या वापस ली जा सकती है. ऐसी बिजली अन्य राज्यों को पुन: आवंटित की जा सकती है, जिन्हें ऐसी बिजली की जरूरत होगी.दिल्ली में बिजली आपूर्ति की स्थितिइसके साथ ही विद्युत मंत्रालय (Ministry of Power) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली आपूर्ति की स्थिति की भी जानकारी दी है और बताया है कि 10 अक्टूबर 21 को दिल्ली की अधिकतम मांग 4536 मेगावाट (पीक) और 96.2 एमयू (ऊर्जा) थी. बिजली की कमी के कारण कोई आउटेज नहीं था, क्योंकि आवश्यक मात्रा में बिजली की आपूर्ति की गई थी.वितरण कंपनियों के लिए ऊर्जा लेखांकन अनिवार्यबिजली मंत्रालय ने कहा कि उसने बिजली के नुकसान को कम करने के लिए वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के ऊर्जा लेखांकन को अनिवार्य कर दिया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बिजली क्षेत्र में चल रहे सुधारों के तहत बिजली मंत्रालय ने वितरण कंपनियों के लिए नियमित रूप से ऊर्जा लेखांकन को अनिवार्य कर दिया है. इसके तहत जारी अधिसूचना में 60 दिनों के भीतर प्रमाणिक ऊर्जा प्रबंधक के जरिए डिस्कॉम को तिमाही ऊर्जा लेखांकन कराना होगा. एक स्वतंत्र मान्यता प्राप्त ऊर्जा लेखा परीक्षक द्वारा वार्षिक ऊर्जा लेखा परीक्षा भी होगी. इन दोनों रिपोर्टों को सार्वजनिक रूप से प्रकाशित किया जाएगा. इस व्यवस्था से बिजली के नुकसान, चोरी को रोकने में मदद मिलेगी.