Vikrant Shekhawat : Sep 20, 2021, 09:01 AM
चंडीगढ़: कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार को सुबह 11 बजे पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। यह शपथ ग्रहण समारोह चंडीगढ़ में होगा। चमकौर साहिब निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके, दलित नेता चन्नी तेजी से ऊपर उठे हैं। बता दें कि चन्नी का जन्म 1963 में कुराली के पास पंजाब के भजौली गाँव में हुआ था। उनका परिवार मलेशिया में बस गया था जहाँ उनके पिता काम करते थे, लेकिन वे 1955 में भारत लौट आए और पंजाब के एसएएस नगर जिले के खरार शहर में बस गए।अब कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी को नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना है। पंजाब में पहली बार कोई दलित, मुख्यमंत्री पद तक पहुंचा है। अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव होने हैं और कांग्रेस के इस फैसले से पार्टी का फायदा हो सकता है। पंजाब में लगभग 30 प्रतिशत दलित आबादी और दलित मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस अपने आगे का रास्ता साफ करती नजर आ रही है। यहां है चन्नी के शपथ समाोरह को लेकर अब तक के अपडेट्स:• समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है।• कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने रविवार को कहा कि राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होंगे. "एक उपमुख्यमंत्री जाट सिख समुदाय से होगा और दूसरा हिंदू समुदाय से होगा। "• कांग्रेस नेताओं के अनुसार, समारोह छोटा होगा जिसमें करीब 40 लोग शामिल होंगे।• इस बीच केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने रविवार को कहा कि 4-6 महीने की बात है और जनता फिर से राज्य का मुख्यमंत्री चुनेगी। .• , पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के बीच महीनों तक चली खींचतान के बाद अमरिंदर सिंह ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।• कैप्टन ने कांग्रेस द्वारा विधायक दल (सीएलपी) की बैठक आयोजित करने के एक घंटे से भी कम समय पहले इस्तीफा आया। बैठक की योजना मूल रूप से सिंह और सिद्धू खेमे के बीच पार्टी की अंदरूनी कलह को कम करने के लिए बनाई गई थी, लेकिन इस्तीफे के बाद, इसमें पंजाब के अगले मुख्यमंत्री को चुनने पर चर्चा हुई।• चन्नी को सर्वसम्मति से पंजाब के कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता के रूप में चुना गया था और कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद वह अगले मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं।• चन्नी अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे।• उनके सामने लगातार चल रही अंदरूनी कलह को नियंत्रित करने का चुनौतीपूर्ण काम है, जो अमरिंदर सिंह के जाने के बाद भी कम होने की संभावना नहीं है और राज्य में सत्ता बनाए रखने की कोशिश कर रही पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है।• चन्नी को राज्य चुनाव से पहले उन 18 वादों को अमल में लाने के लिए जमीन पर उतरना होगा जिन वादों की लिस्ट तीन महीने पहले आलाकमान ने अमरिंदर को सौंपी थी, उन्हें पूरा करने के लिए जमीन पर उतरना होगा।