AajTak : Jul 15, 2020, 05:16 PM
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक आदेश जारी कर चीन के नियंत्रण वाले हांगकांग के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया जिससे चीन आग बबूला हो गया है। ट्रंप ने मंगलवार को अमेरिकी कानून के तहत चीन को दंडित करने के लिए यह फैसला लिया जिसके बाद चीन ने भी बदले की कार्रवाई करने की धमकी दी है।
हांगकांग के लिए चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने के फैसले का हवाला देते हुए, ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए और कहा कि इससे हांगकांग को मिलने वाली विशेष आर्थिक छूट और तरजीह को समाप्त कर दिया जाएगा।एक सम्मेलन में इस फैसले को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, अब कोई विशेषाधिकार नहीं, कोई विशेष आर्थिक सुविधा नहीं और किसी संवेदनशील तकनीक का कोई कारोबार नहीं होगा।ट्रंप ने कहा, अमेरिकी कांग्रेस द्वारा चीनी सुरक्षा अधिकारियों के साथ व्यापार करने वाले बैंकों को दंडित करने के लिए नए सुरक्षा कानून को लागू करने वाले विधेयक पर उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि, अब "हांगकांग के साथ चीन के समान ही व्यवहार किया जाएगा।"अमेरिका के इस कार्रवाई के बाद चीन ने भी बदला लेने की कसम खाई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि बीजिंग बैंकों को निशाना बनाने वाले कानून के जवाब में अमेरिकी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्रतिशोधात्मक प्रतिबंध लगाएगा। हालांकि जारी बयान में कार्यकारी आदेश का संदर्भ नहीं दिया गया था।चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हांगकांग का विवाद पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी देश को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।"
हांगकांग के लिए चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू करने के फैसले का हवाला देते हुए, ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए और कहा कि इससे हांगकांग को मिलने वाली विशेष आर्थिक छूट और तरजीह को समाप्त कर दिया जाएगा।एक सम्मेलन में इस फैसले को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, अब कोई विशेषाधिकार नहीं, कोई विशेष आर्थिक सुविधा नहीं और किसी संवेदनशील तकनीक का कोई कारोबार नहीं होगा।ट्रंप ने कहा, अमेरिकी कांग्रेस द्वारा चीनी सुरक्षा अधिकारियों के साथ व्यापार करने वाले बैंकों को दंडित करने के लिए नए सुरक्षा कानून को लागू करने वाले विधेयक पर उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि, अब "हांगकांग के साथ चीन के समान ही व्यवहार किया जाएगा।"अमेरिका के इस कार्रवाई के बाद चीन ने भी बदला लेने की कसम खाई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि बीजिंग बैंकों को निशाना बनाने वाले कानून के जवाब में अमेरिकी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्रतिशोधात्मक प्रतिबंध लगाएगा। हालांकि जारी बयान में कार्यकारी आदेश का संदर्भ नहीं दिया गया था।चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हांगकांग का विवाद पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है और किसी भी देश को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।"