AajTak : Jul 27, 2020, 02:09 PM
PUBG: भारत सरकार ने हाल ही में 59 चीनी ऐप्स बैन किए हैं। इसके बाद एक बार फिर से कुछ ऐप्स के क्लोन प्ले स्टोर पर आने शुरू हो गए। इसे देखते हुए सरकार ने एक बार फिर 47 चीनी ऐप्स के क्लोन बैन करने का फ़ैसला किया है।इन ऐप्स में ज्यादातर पुराने बैन किए गए ऐप्स के क्लोन हैं। सूत्रों के मुताबिक़ 250 से ज़्यादा दूसरे चीनी ऐप्स की लिस्ट तैयार की जा रही है। ख़बर है कि इसमें पबजी मोबाइल का भी नाम हो सकता है।क्या भारत में पबजी मोबाइल बैन हो सकता है? क्या ये ऐप भी चीनी ऐप्स की है कैटिगरी में ही आता है? डेटा सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर ये ऐप कहां टिकता है? ऐसे की सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में हम दने की कोशिश करेंगे।चीनी ऐप या साउथ कोरियन ऐप?पबजी मोबाइल को लेकर ये डिबेट काफ़ी पहले से है कि ये चीनी ऐप या है या साउथ कोरियन ऐप है। इसकी वजह ये है कि इस ऐप को बनाने वाली जो कंपनी Bluehole है, वो चीन की नहीं, बल्कि साउथ कोरिया की है।प्लेयर अननोन बैटलग्राउंड यानी पबजी मल्टी प्लेयर गेमिंग है जिसे ब्लूहोल ने बनाया है। ये कंपनी साउथ कोरियन ब्लूहोल स्टूडियोज़ की सब्सिडरी है। पबजी मोबाइल को गूगल प्ले स्टोर और ऐप स्टोर पर 2018 में रिलीज किया गया।पबजी वीडियो गेम लगातार पॉपुलर हुआ और इस वजह से चीन का सबसे बड़ा वीडियो गेम्स पब्लिशर टेंसेंट गेम्स ने साउथ कोरियन ब्लूहोल से इस गेम को चीन में लॉन्च करने और कंपनी में स्टेक्स ख़रीदने की बात की।चीनी कंपनी टेंसेंट की हुई एंट्रीचीनी कंपनी टेंसेंट गेम्स ने ब्लूहोल में स्टेक ख़रीद लिया। इसके पबजी को मोबाइल वर्जन टेंसेंट ने डेवेलप किया। इसके बाद टेंसेंट पबजी मोबाइल की पब्लिशर बन गई। तब से अब तक पबजी मोबाइल ओपन करने पर टेंसेंट का लोगो भी दिखता है जो चीनी कंपनी है।आपके लिए ये भी समझना ज़रूरी है कि PUBG और PUBG Mobile में फर्क है। इन दोनोें के पब्लिशर्स में भी फर्क है। चीन में टेंसेंट के साथ मिल कर ब्लूहोल ने पबजी मोबाइल वहां लॉन्च किया।चीन में टेंसेंट ने किया इसे रिलीज और लॉन्च किया मोबाइल वर्जनशुरुआत में टेंसेंट में पबजी को चीन में डिस्ट्रिब्यूशन के लिए राइट ख़रीदा। इसके बाद इस गेम का मोबाइल वर्जन लाने के लिए ब्लूहोल के साथ पार्टनरशिप की। कुल मिला कर पबजी मोबाइल - यानी स्मार्टफोन्स और टैबलेट में खेला जाने वाला ये गेम टेंसेंट गेम ने तैयार किया और इसे चीन में लॉन्च कर दिया।प्राइवेसी फ्रंट पर ये ऐप कहां आता है?पबजी मोबाइल की प्राइवेसी पॉलिसी भी दूसरे ज़्यादातर ऐप्स की तरह ही है जो कई ज़रूरी और ग़ैरज़रूरी जानकारियां यूज़र्स से एक्सेस करते हैंपबजी मोबाइल की प्राइवेसी पॉलिसी ये कहती है कि कंपनी के सर्वर भारत में भी हैं और यहाँ के यूज़र्स का डेटा यहीं के सर्वर में स्टोर रहते हैं। हालाँकि इसके सर्वर चीन में भी हैं। हालांकि कंपनी कुछ यूजर डेटा अमेरिका और सिंगापुर के भी सर्वर में भी स्टोर करती है।थर्ड पार्टी के साथ शेयर किया जा सकता है आपका डेटायूज़र की पर्सनल इन्फ़ॉर्मेशन शेयरिंग का जहां तक सवाल है, पबजी मोबाइल के भारतीय यूज़र्स का डेटा कंपनी किसी भी थर्ड पार्टी को दे सकती है।यहां लिखा है, ‘हम किसी भी थर्ड पार्टी को आपका डेटा कलेक्ट और यूज करने की इजाज़त देते हैं, हम ये इंश्योर करने के लिए ज़िम्मेदार हैं कि कोई भी थर्ड पार्टी यूज़र्स की पर्सनल जानकारियां किसी के साथ डिस्क्लोज न करें’।