Zee News : Jun 23, 2020, 04:12 PM
नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव के बात केंद्र सरकार ने एक और कड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने सभी सरकारी खरीद के लिए मौजूदा ई- कॉमर्स पोर्टल GeM ( Government e Marketplace) पर बिकने वाले प्रोडक्ट के लिए ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ बताना अनिवार्य कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस फैसले से चीनी कंपनियों को बहुत ज्यादा नुकसान होने वाला है।
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपनी सभी सप्लायर्स के लिए उत्पादों के तैयार होने वाले देश यानि ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ बताना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही चीन का नाम लिए बगैर सरकार ने निर्देश दिया है कि किसी भी सरकारी खरीद में देसी प्रोडक्ट को ही तरजीह दी जाए।चीनी कंपनियों को होगा सीधा नुकसानएक अन्य अधिकारी का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के विभाग और दफ्तर इस ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए अपनी ज़रुरत के प्रोडक्ट और सर्विस लेते हैं। जैसे फर्नीचर, स्टेशनरी, क्राकरी, सैनीटाइजर मास्क और पीपीई किट आदि। इस पोर्टल पर 17 लाख प्रोडक्ट हैं। अगर इन सरकारी खरीद में देसी उत्पादों को तरजीह दी जाएगी तो इसकी सीधा नुकसान चीनी कंपनियों को उठाना पड़ेगा। नए फैसले के लागू होने के बाद सप्लायर सरकारी पोर्टल में सिर्फ मेक इन इंडिया के ही उत्पाद ऑफर कर पाएंगे।
मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार ने अपनी सभी सप्लायर्स के लिए उत्पादों के तैयार होने वाले देश यानि ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन’ बताना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही चीन का नाम लिए बगैर सरकार ने निर्देश दिया है कि किसी भी सरकारी खरीद में देसी प्रोडक्ट को ही तरजीह दी जाए।चीनी कंपनियों को होगा सीधा नुकसानएक अन्य अधिकारी का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के विभाग और दफ्तर इस ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए अपनी ज़रुरत के प्रोडक्ट और सर्विस लेते हैं। जैसे फर्नीचर, स्टेशनरी, क्राकरी, सैनीटाइजर मास्क और पीपीई किट आदि। इस पोर्टल पर 17 लाख प्रोडक्ट हैं। अगर इन सरकारी खरीद में देसी उत्पादों को तरजीह दी जाएगी तो इसकी सीधा नुकसान चीनी कंपनियों को उठाना पड़ेगा। नए फैसले के लागू होने के बाद सप्लायर सरकारी पोर्टल में सिर्फ मेक इन इंडिया के ही उत्पाद ऑफर कर पाएंगे।