देश / 2002 दंगा मामले में गुजरात की तत्कालीन मोदी सरकार को नानावती-मेहता आयोग से क्लीन चिट

गुजरात विधानसभा में बुधवार को 2002 में गोधरा में हुए दंगों पर नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट पेश हो गई। आयोग ने मामले में तत्कालीन नरेंद्र मोदी नीत सरकार को क्लीन चिट दे दी है। विधानसभा में पेश रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि गोधरा में ट्रेन जलने की घटना के बाद हुए दंगे सुनियोजित नहीं थे।

Live Hindustan : Dec 11, 2019, 01:36 PM
गुजरात विधानसभा में पेश की गई नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट में, कहा गया है कि गोधरा ट्रेन जलाने के दंगे प्रोयोजित नहीं किए गए थे। इसके अलावा आयोग ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उस दौरान की गुजरात सरकार को क्लीन चिट दे दी है

गौरतलब रहे कि भीड़ ने एक मार्च 2002 को गुजरात के आणंद जिले के ओडे कस्बे के पीरवाली भगोल इलाके में एक घर में आग लगा दी थी। इस घटना में अल्पसंख्यक समुदाय के 23 सदस्य जिंदा जल गए थे । इसमें नौ महिलाएं और इतने ही बच्चे थे। गोधरा ट्रेन अग्निकांड के दो दिन बाद यह घटना हुई थी। अग्निकांड के कारण समूचे राज्य में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी।

इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा जहां गुजरात उच्च न्यायालय ने 2002 के ओडे दंगा मामले में 19 लोगों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा लेकिन तीन लोगों को बरी कर दिया। ओडे में दंगे की इस घटना के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय के 23 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।  

निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर की गयी याचिकाओं पर न्यायमूर्ति अकील कुरैशी और न्यायमूर्ति बी एन करिया की पीठ ने आज 14 अभियुक्तों को उम्रकैद के साथ ही पांच अन्य को सात साल जेल की सजा को कायम रखा।